एनजीटी ने आर्ट ऑफ लिविंग को दी सशर्त मंजूरी, लगाया 5 करोड़ का जुर्माना
सजावट में करोड़ों खर्च
आयोजन को लेकर आर्ट ऑफ लिविंग की तरफ से एनजीटी को खर्च का ब्योरा दिया गया है। ट्रिब्यूनल में सुनवाई के दौरान आर्ट ऑफ लिविंग की तरफ से कहा गया है कार्यक्रम स्थल को बनाने में 15.63 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं जबकि इसकी सजावट में 10 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।एनजीटी ने सुनवाई के दौरान वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को जवाब दाखिल नहीं करने पर फटकार लगाई है। मामले पर एनजीटी ने यह भी कहा है कि यमुना की बदबू खत्म करने के लिए एन्जाइम का इस्तेमाल किया गया है। इससे पहले मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान एनजीटी ने केंद्र सरकार से पूछा कि महोत्सव को पर्यावरण मंजूरी क्यों नहीं चाहिए। एनजीटी के चेयरमैन स्वतंत्र कुमार ने पर्यावरण एवं वन मंत्रलय को आज तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।
कौन करेगा कार्यक्रम का उद्घाटन
इस बात पर भी अब संशय पैदा हो गया है कि शुक्रवार को कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे या नहीं। मंगलवार को महोत्सव के खिलाफ दायर याचिका पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने केंद्र सरकार से पूछा है कि महोत्सव को पर्यावरण मंजूरी क्यों नहीं चाहिए।एनजीटी के चेयरमैन स्वतंत्र कुमार ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को बुधवार तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मंत्रालय के अधिवक्ता ने एनजीटी को बताया कि आयोजन स्थल पर मलबा नहीं मिला है। नियमों के अनुसार, यमुना के बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में अस्थायी निर्माण के लिए अनुमति नहीं चाहिए।
11 मार्च से होना है आयोजन
श्री श्री रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग के 35 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 11 से 13 मार्च तक यमुना किनारे (मयूर विहार फेज-1) विश्व संस्कृति महोत्सव का आयोजन होना है। महोत्सव के खिलाफ यमुना जिए अभियान एनजीओ के संयोजक मनोज मिश्र समेत अन्य पर्यावरणविदों ने याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि महोत्सव स्थल पर एनजीटी के आदेश का उल्लंघन किया जा रहा है।
आएंगे 155 देशों के लोग
महोत्सव में करीब 155 देश के कई लाख लोगों के आने की संभावना जताई जा रही है। इसमें राष्ट्रपति को भी सम्मिलित होना था, लेकिन कार्यक्रम के विवादों से घिरने पर उन्होंने आना स्थगित कर दिया।
गृह मंत्रालय ने दिए निर्देश
गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को महोत्सव की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद करने का निर्देश दिया है ताकि भगदड़ जैसी स्थिति न बन सके।