-मठ-मंदिरों से लेकर घरों में ढोल और मजीरा की धुन पर हर्षोल्लास के साथ मनाया गया श्रीकृष्ण जन्मोत्सव

ALLAHABAD: भाद्रपद कृष्णपक्ष की दस्तक के साथ श्रीकृष्ण जन्मोत्सव समारोह का श्रीगणेश रविवार को हो गया। ढोल मजीरा की धुन पर नाचते गाते भक्तों की मौजूदगी में मठ-मंदिरों से लेकर घरों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उल्लास छाया रहा। मध्य रात्रि जैसे ही प्रभु का जन्म हुआ तो शहर के एक छोर से लेकर दूसरे छोर तक बधाई हो, बधाई हो 'नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की। हाथी घोड़ा पालकी, बोलो जय कन्हैया लाल की' जयकारा गूंजने लगा।

झांकियों ने मोह लिया मन

श्री कटरा रामलीला कमेटी के राम वाटिका स्थित परिसर में अध्यक्ष सुधीर कुमार गुप्ता व महामंत्री गोपाल बाबू जायसवाल की देखरेख में कान्हा की लीलाओं से संबंधित झांकियां सजाई गई। माखन चोर, कंस का कारागार, गोवर्धन पर्वत उठाने सहित अन्य झांकियों को देखने के लिए देर रात तक शहरियों की भीड़ लगी रही। मां ललिता देवी मंदिर परिसर में अध्यक्ष हरिमोहन वर्मा की अगुवाई में कान्हा की आकर्षक झांकियां सजाई गई तो मां कल्याणी देवी मंदिर, शनि धाम, रामबाग हनुमान मंदिर, इस्कान परिसर, आनंद बिहारी मंदिर, सत्संग भवन में हरी नाम संकीर्तन की गूंज सुनाई देती रही।

हरे रामा-रहे कृष्णा की गूंज

इस्कान मंदिर प्रबंध समिति की ओर से श्री श्री राधाकृष्ण शोभायात्रा का आयोजन किया गया। आचार्य दास की अगुवाई में राधाकृष्ण की आरती उतारी गई। इसके बाद अनुयायियों के साथ मंदिर परिसर से शोभायात्रा निकाली गई। यात्रा चंद्रलोक सिनेमा, मानसरोवर चौराहा, जीरो रोड, जवाहर स्कवायर, चौक, रामभवन चौराहा होते हुए इस्कान मंदिर पर समाप्त हुई। रास्ते में हरी नाम संकीर्तन हरे रामा, रहे कृष्णा की गूंज से वातावरण प्रभुमय होता रहा। इस दौरान जगह-जगह राधाकृष्ण पर पुष्पों की वर्षा भी की गई।

नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा

श्री पथरचट्टी रामलीला कमेटी की ओर से रविवार को छह दिवसीय श्रीकृष्ण जन्मोत्सव समारोह का शुभारंभ किया गया। पहले दिन लखनऊ से आई लोक गायिका प्रीति लाल ने ब्रज व भोजपुरी भाषा में गीतों की प्रस्तुति से समां बांध दिया। उन्होंने नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा की ऐसी प्रस्तुति की कि परिसर में उपस्थित श्रोता झूमने लगे। इसके बाद कहां जा के छुपा है चित चोर, कि राधा तो री माला जपे प्रस्तुति पर हर कोई मंत्रमुग्ध हो उठा।

Posted By: Inextlive