आक्सीजन गैस सिलेंडर के रखरखाव में लापरवाही से हो सकता है हादसा

ALLAHABAD: गोरखपुर की घटना एक्सेप्शन नहीं है। इलाहाबाद के एसआरएन हॉस्पिटल में भी आक्सीजन गैस रिसाव का मामला सामने आ चुका है। पिछले तीन साल में ऐसी आधा दर्जन घटनाएं घट चुकी हैं। जब अचानक गैस रिसने से मरीजों और परिजनों में हड़कंप मच गया। इस मामले की शिकायत भी हॉस्पिटल प्रशासन से की गई लेकिन कोई फायदा नही हुआ। ऐसी घटनाएं अक्सर मरीजों को परेशान करती हैं। लापरवाही नही रुकी तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

जब टल गया था बड़ा हादसा

आक्सीजन गैस सिलेंडर के रिसाव के अलावा वर्ष 2015 के जून माह में ऑक्सीजन प्लांट के रिसाव की बड़ी घटना हुई थी। हालांकि इस दौरान कोई अनहोनी नही हुई। हुआ यूं था कि इमरजेंसी वार्ड के बगल स्थित ऑक्सीजन प्लांट में अचानक गैस रिसाव होने से हड़कंप मच गया। इसकी सूचना सीधे फायर ब्रिगेड विभाग को भी दी गई। जब तक कोई बड़ा हादसा होता, स्थानीय कर्मचारियों ने अपनी सूझबूझ से घटना को रोक दिया।

खतरनाक हैं ये सिलेंडर सप्लाई

हॉस्पिटल के केवल इमरजेंसी वार्ड में पाइप लाइन से ऑक्सीजन सप्लाई की जाती है। बाकी वार्डो में सिलेंडर के जरिए मरीजों को कृत्रिम सांस देने की व्यवस्था की गई है। यह सिलेंडर संबंधित वार्ड के बाहर लावारिस पड़ रहते हैं। कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जब इन सिलेंडर से अचानक गैस रिसाव होने से मरीजों और परिजनों में हड़कंप मच गया। महज छह से सात माह पहले भी पुरानी बिल्िडग के दूसरे मंजिल पर गैस रिसाव की घटना से बवाल मच गया था। हॉस्पिटल स्टाफ ने किसी तरह सिलेंडर की मरम्मत कर उसे ठीक किया। हॉस्पिटल में सिलेंडर की जगह आक्सीजन पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके बाद वार्डो में पाइप लाइन से मरीजों को गैस मिला करेगी। इससे सिलेंडर का खतरा खत्म हो जाएगा।

आक्सीजन गैस लीक से कोई घटना हमारे यहां नहीं हुई है। हमारा फोकस सिलेंडर हटाने पर है। पाइप लाइन बिछाई जा रही है। जल्द ही यह व्यवस्था भी शुरू हो जाएगी।

-डॉ। करुणाकर द्विवेदी

एसआईसी, एसआरएन

Posted By: Inextlive