हॉस्पिटल में लगी अल्ट्रासाउंड मशीनों के खराब होने से मरीज प्राइवेट में जांच को हो रहे मजबूर

200 रुपए में होने वाली जांच का प्राइवेट अल्ट्रासाउंड संचालक वसूल रहे हैं 800 से 1400 रुपए

ALLAHABAD: मरीजों को सस्ता और सुलभ इलाज मुहैया कराना मुश्किल होता जा रहा है। इस बार मामला एसआरएन हॉस्पिटल का है। हॉस्पिटल में लगी अल्ट्रासाउंड की दोनों मशीनें लंबे समय से खराब हैं। इसके चलते दूर दराज से आने वाले मरीजों को जांच के लिए प्राइवेट संस्थानों का सहारा लेना पड़ रहा है। प्राइवेट अल्ट्रासाउंड केंद्र के संचालक जांच के नाम पर मरीजों की जेब काट रहे हैं। खराब मशीनों के सही होने के आसार भी नहीं दिख रहे हैं। इनकी जगह शासन से नई मशीनों की मांग की गई है।

कई माह से परेशान हैं मरीज

एसआरएन हॉस्पिटल में अल्ट्रासाउंड कराने की फीस दो सौ रुपए निर्धारित है। प्राइवेट संस्थान इसी जांच के लिए मरीजों से आठ सौ से 1400 रुपए तक वसूल रहे हैं। इसके बावजूद परेशान मरीज प्राइवेट जांच कराने के लिए मजबूर हो रहे हैं। सूत्रों की मानें तो एसआरएन हॉस्पिटल में प्रतिदिन तीन से चार हजार मरीज इलाज के लिए आते हैं। इनमें से तकरीबन 150 मरीज रोजाना भर्ती किए जाते हैं। एक अनुमान के मुताबिक 50 से 100 पेशेंट को डॉक्टर अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह देते हैं।

बनने लायक नहीं हैं मशीनें

चूंकि एसआरएन हॉस्पिटल की मशीनें खराब हैं। लिहाजा डॉक्टर की परमीशन के बाद पेशेंट को यह यह जांच बाहर ही करानी पड़ रही है। डॉक्टरों की मानें तो हॉस्पिटल में लगी खराब हो चुकी दोनों अल्ट्रासाउंड मशीनें काफी पुरानी हैं। अब उनका बन पाना भी मुश्किल है। ऐसे में अफसरों ने शासन से नई अल्ट्रासाउंड मशीनों की मांग की है। अधिकारियों की इस मांग पर अब तक सरकार ने कोई पाजिटिव निर्णय नहीं ली है। तमाम मरीज तो ऐसे हैं जिन्हें अल्ट्रासाउंड लिखे जाने के बाद प्राइवेट सेंटरों तक ले जाना ही काफी मुश्किल भरा काम होता है। क्योंकि वे न तो चल पाते हैं और न ही उठ बैठ पाते हैं। ऐसे में उनके तीमारदारों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

वर्जन

अल्ट्रासाउंड की नई मशीनें लगाने के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। मशीनों का इंतजार हो रहा है। जैसे ही सुविधा उपलब्ध होगी मरीजों की जांच शुरू करा दी जाएगी।

डॉ। करुणाकर द्विवेदी, सीएमएस, एसआरएस हॉस्पिटल

Posted By: Inextlive