-एंट्री और एग्जिट का एक ही रास्ता होने से दिनभर लगता है जाम

-नई मर्चरी के पास है रास्ता, यहां से मिल सकती है मरीजों को आपातकाल में सुविधा

- प्रशासन करे पहल तो कुंभ से पहले मिल सकती है राहत

ALLAHABAD: मंडल का सबसे बड़ा हॉस्पिटल। रोजाना तीन हजार नए मरीज। एक हजार से अधिक बेड। डेढ़ सौ डॉक्टर और लगभग एक हजार यूपी-पीजी छात्र। इतना सब होने के बावजूद एसआरएन हॉस्पिटल का केवल सिंगल एग्जिट और एंट्री गेट है। बाकी तीन ओर से ब्लॉक इस हॉस्पिटल में इमरजेंसी या जाम लग जाने पर मरीजों को बाहर निकलने का रास्ता नहीं मिलता। अगले साल होने वाले कुंभ को देखते हुए इस हॉस्पिटल को वाकई एक इमरजेंसी एग्जिट की तलाश है।

12 करोड़ से अधिक आएंगे श्रद्धालु

गौरतलब है कि अगले साल होने वाले कुंभ में 12 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। इसके लिए मेला एरिया में हॉस्पिटल बनाए जाएंगे। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज से संबद्ध एसआरएन हॉस्पिटल में अलग से वार्ड आरक्षित होंगे। किसी अनहोनी पर यहां का ट्रामा सेंटर और हॉस्पिटल युद्ध स्तर पर कार्य करने को तैयार रहेगा। ऐसे में अगर सिंगल एग्जिट होने से जाम की समस्या हुई तो कौन जिम्मेदार होगा। बता दें कि इस हॉस्पिटल के पास आने-जाने का कोई वैकल्पिक मार्ग मौजूद नहीं है।

आए दिन जाम, प्रशासन करे इंतजाम

फिलहाल एकमात्र रास्ता होने से आए दिन यहां जाम लगता है। रोजाना एंबुलेंस फंसने से मरीजों की जान सांसत में आ जाती है। जानकारी के मुताबिक कुछ साल पहले मचुरी के नजदीक एक वैकल्पिक मार्ग था जो अब किसी कारणवश बंद हो गया है। अगर प्रशासन पहल करे तो इस बारे में विचार किया जा सकता है। ऐसा हुआ तो इमरजेंसी होने पर यह रास्ता यूज हो सकता है।

इस रास्ते से केवल पैदल ही निकलिए

एसआरएन हॉस्पिटल के मेन गेट से दाई ओर एक पतली सी गली साउथ मलाका की ओर जाती है। लेकिन इस गली में पैदल चलना भी मुश्किल साबित होता है। ले-देकर महज एक मार्ग ही है। यह भी बता दें कि यह एकमात्र मार्ग पूरी तरह से अतिक्रमण का शिकार हो चुका है। आए दिन पुलिस के जवान दुकानों को हटाते हैं और यह फिर से वापस लग जाती हैं।

आपका सुझाव सही है। अभी मैं आउट ऑफ स्टेशन हूं। लौटकर इस मामले पर विचार किया जाएगा।

-डॉ। आशीष गोयल, कमिश्नर इलाहाबाद

यह एक बेहतर कदम है। अगर कोई गुंजाइश है तो कुंभ को देखते हुए एसआरएन हॉस्पिटल के लिए वैकल्पिक मार्ग को तैयार किया जाएगा। इससे इमरजेंसी के हालात में मरीजों को काफी हेल्प मिलेगी। इस बारे में मेडिकल कॉलेज प्रशासन से बात की जाएगी।

-सुहास एलवाई, डीएम इलाहाबाद

Posted By: Inextlive