चर्चित वकील ने पैसा लेकर नियुक्ति करवाने का दिया आश्वासन

जीडी कांस्टेबल भर्ती को लेकर हुई बातचीत की रिकॉर्डिग से हुआ खुलासा

एसएससी डायरेक्टर बोले, दलाल कर रहे अभ्यर्थियों को गुमराह

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: एसएससी द्वारा की जानी वाली कांस्टेबल भर्ती की वेकेंसी में आपके पास योग्यता थोड़ी कम भी हो तो चलेगा। बस आपमें मोटी रकम चुकाने की क्षमता होनी चाहिए। तीन लाख रुपए तक का भुगतान एकमुश्त कीजिए और नौकरी पक्की समझ लीजिए। यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है ह्वाट्सएप पर वायरल हुए एक आडियो टेप से। इससे एसएसपी ऑफिस के बाहर अनशन पर बैठे अभ्यर्थी सन्नाटे में आ गए हैं। टेप में एक वकील से बातचीत है। इसमें वह तीन लाख रुपए मिलने पर सबको सेट कर देने का भरोसा दिला रहा है। इससे एसएससी की भर्ती पर सवाल उठे हैं तो रीजनल डायरेक्टर इसे दलालों का खेल बता रहे हैं। उनका कहना है कि अभ्यर्थियों को फंसाने के लिए दलाल चारा डाल रहे हैं। यही उनकी कमाई का जरिया है।

कांस्टेबल भर्ती को लेकर चल रहा बवाल

स्टॉफ सेलेक्शन कमीशन (एसएससी) की जीडी कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2011 को लेकर इन दिनों अच्छा खासा हड़कम्प मचा हुआ है। अभ्यर्थी एसएसपी दफ्तर के बाहर अनशन पर बैठे हैं। धूप के चलते कई बीमार होकर अस्पताल पहुंच चुके हैं। मंगलवार को वायरल हुई एक आडियो रिकॉर्डिग ने हंगामा खड़ा कर दिया। ऑडियो टेप में एक शख्स सीधे अभ्यर्थी से पैसा लेकर सेलेक्शन करवाने की बात कर रहा है। उसने पैसा लेकर चयन किए जाने में एसएससी के रिजनल डायरेक्टर की भूमिका बताकर सनसनी मचा दी है।

कोई नहीं रोक सकता

ऑडियो टेप में पैसा लेकर चयन करवाने की बात कहने वाला शख्स खुद को एक वकील बताता है। वह अपना नाम संजय मिश्रा बताता है और कहता है कि उसका आवास एसएससी कार्यालय के करीब ही है। छात्रों का कहना है कि नौकरी के नाम पर धन उगाही करके इस वकील ने आलीशान घर बनवाया है। छात्रों ने उसके घर जाकर मिलने का भी दावा किया है। ऑडियो टेप में बातचीत के अंश में वकील का दावा है कि 28 हजार से ज्यादा पद खाली हैं और शीघ्र ही दस हजार पद भरे जाएंगे। उसका दावा है कि सभी नियुक्तियां पैसा लेकर की जाएंगी और इसे कोई नहीं रोक सकता।

ढाई से तीन लाख रुपए है रेट

आडियो टेप के मुताबिक एसएससी के माध्यम से भर्ती का रेट तीन लाख रुपए है। बातचीत में शामिल अभ्यर्थी ने कहा कि वह अपना खेत बेचकर उसे पैसा देगा, लेकिन सेलेक्शन पक्का होना चाहिए। इस पर उससे शुरुआत में तीस हजार रुपए देने की मांग की गई है। आडियो टेप वायरल होने के बाद अभ्यर्थी सन्नाटे में थे कि एसएससी में भी पैसा लेकर नियुक्ति होती है। आडियो में अभ्यर्थी के सवाल के जवाब में साफ कहा गया है कि रिजनल डायरेक्टर जेपी गर्ग सब कुछ मैनेज कर देते हैं। टाइम से बस भुगतान हो जाना चाहिए। उसने दावा किया कि पीए से लेकर जमादार तक को पैसे देने पड़ते हैं।

कमाए हैं करोड़ों रुपए

तेजी से शेयर हो रही यह आडियो क्लिप अभ्यर्थियों के बीच चर्चा का केन्द्र बनी हुई है। छात्र खुद इसकी तह तक जाने की कोशिश में लगे हैं। छात्रों के मुताबिक उनके पास और भी कई शार्ट ऑडियो क्लिप हैं जिसमें इस तरह की बात की जा रही है। इस मसले पर रीजनल डायरेक्टर जेपी गर्ग से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस तरह के लोग दलाल हैं जो अभ्यर्थियों को गुमराह करके केस करवाते हैं। उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में एक संजय मिश्रा हैं जिन्होंने इस तरह की गतिविधियों में लिप्त होकर करोड़ों रुपए कमाए हैं। एक बार कोर्ट उन पर 20 हजार रुपए जुर्माना भी लगा चुकी है।

संजय को कोर्ट लगा चुकी फटकार

जेपी गर्ग ने कहा कि संजय मिश्रा जैसे लोगों की वजह से उन्हें भी केस को गलत साबित करने के लिए बेवजह कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि कोर्ट की सख्ती के बाद संजय मिश्रा एक साल तक चुप रहा। उन्होंने ऑडियो टेप वाले शख्स को वही संजय मिश्रा होने या न होने पर अनभिज्ञता जाहिर की। कहा कि यह शख्स कोई और भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने की उनके पास कोई अधिकार भी नहीं है। रीजनल डायरेक्टर ने बातचीत के दौरान अनशन में शामिल अभ्यर्थियों की मांग को गलत बताया। उन्होंने कहा कि किसी विशेष क्षेत्र की वैकेंसी को अदर कैंडिडेट से नहीं भरा जा सकता।

हम कुछ नहीं कर सकते, चाहें तो चेयनमैन से मिटिंग करवा दें

उधर, विरोध प्रदर्शन के बीच छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल रीजनल डायरेक्टर जेपी गर्ग से मिलने पहुंचा। मंगलवार को हुई बातचीत में उन्होंने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि छात्रों की मांगों पर क्षेत्रीय कार्यालय कोई कार्रवाई नहीं कर सकता। छात्र चाहें तो वे एसएससी के चेयरमैन से उनकी मिटिंग करवा सकते हैं। उनका कहना था कि अब इस मामले में कोई भी निर्णय मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ही ले सकती है। उन्होंने कहा कि कट ऑफ मेरिट से कभी कोई छेड़छाड़ नहीं की गई। उनकी मांगे अनुचित एवं अमान्य हैं। बातचीत से पॉजीटिव संकेत न मिलने से खफा छात्रों ने क्षेत्रीय कार्यालय के समक्ष अनशन आज भी जारी रखा।

सीबीएसई की मजबूरी

2011 के बाद 2012 एवं 2013 परीक्षा का प्रॉसेस खत्म हो चुका है

2015 परीक्षा प्रक्रिया अभी चल रही है

पांच साल पहले 2011 के अभ्यर्थियों की मांग माने जाने का मतलब होगा कि बाकी परीक्षा के अभ्यर्थी भी यही मांग करेंगे

इस स्थिति में एसएससी के समक्ष जटिल समस्या खड़ी हो जाएगी

कुछ दलाल हैं जो अभ्यर्थियों को गुमराह करके केस करवाते हैं। मेरे संज्ञान में एक संजय मिश्रा हैं जिन्होंने इस तरह की गतिविधियों में लिप्त होकर करोड़ो रुपए कमाए हैं। एक बार कोर्ट उन पर 20 हजार रुपए की पेनाल्टी लगा चुकी है। झूठा केस बनाने पर कोर्ट उन्हें लताड़ भी चुकी है।

-जेपी गर्ग

रीजनल डायरेक्टर, एसएससी

(आडियो क्लिप आई नेक्स्ट से भी शेयर की गई है। इसकी असलियत सामने आना बाकी है। अभ्यर्थियों का दावा है कि इसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है.)

Posted By: Inextlive