- बुजुर्ग ने पत्नी बेटों पर लगाया था प्रताड़ना का आरोप

-विवाद बढ़ता गया, एक दूसरे पर आरोप मढ़े जाते रहे, आखिर में धर्मग्रंथ पर हाथ रख कसम दिलाई तब हुआ समझौता

- बुजुर्ग ने पत्नी बेटों पर लगाया था प्रताड़ना का आरोप

-विवाद बढ़ता गया, एक दूसरे पर आरोप मढ़े जाते रहे, आखिर में धर्मग्रंथ पर हाथ रख कसम दिलाई तब हुआ समझौता

BAREILLY:

BAREILLY:

अक्सर आपने पुलिसवालों को डांट-फटकार कर विवादित पक्षों में समझौता कराते देखा-सुना होगा लेकिन वेडनसडे को बरेली में पुलिस कप्तान की 'अदालत' में एक ऐसा मामला आया, जिसमें समझौते का आधार बना धर्मग्रंथ कुरान। एसएसपी के सामने दोनों पक्षों ने कुरान की कसम खाई और बरसों से चले आ रहे घरेलू विवाद में एक पल में समझौता हो गया।

मामला बरेली जिले के ही ठिरिया निजावत खां निवासी हाजी लतीफ खां की अपने ही परिजनों के खिलाफ एसएसपी से की गई शिकायत का है। जिसमें उसने पत्नी-बेटों पर इज्जत नहीं करने, निठल्ले घूमने और टोकने पर प्रताडि़त करने का आरोप लगाया था। एसएसपी ने वेडनेसडे को दोनों पक्षों को बुलाया था। बुजुर्ग हाजी और उनके बेटे एसएसपी धर्मवीर के समक्ष पेश हुए, काफी देर आरोप-प्रत्यारोपों को दौर चला, आखिर में पवित्र कुरान की कसम खाकर कप्तान की अदालत' में पिता-पुत्रों में समझौता हो गया।

'दो वक्त की रोटी को तरसा दिया'

हाजी लतीफ खां के चार बेटे, एक बेटी हैं। उनकी नारियावाल में चक्की और हाईवे पर होटल है। उनकी शिकायत अपने बेटों से थी, कि वे काम-काज में हाथ नहीं बंटाते, टोकने पर झगड़ा करते हैं, पत्नी भी साथ नहीं देती। सिर्फ एक बेटा थोड़ा मदद करता है, बाकी तीन मौज-मस्ती। एक कमाने की कहकर सऊदी गया था, ढाई लाख बर्बाद कर लौट आया, दूसरे जीप खरीदी और कर्ज में डूब गया। अब जमीन गिरवी रखवाने पर आमादा है।

कुरान की कसम से समझौता

हाजी लतीफ कई बार कप्तान से मामले की शिकायत लेकर मिल चुके थे। वेडनसडे को कप्तान ने उनकी पत्‍‌नी, बेटी, बेटों समेत पूरे परिवार को बुला लिया था। हाजी लतीफ ने कई और आरोप लगाए। तो बेटों ने गाली-गलौज देने और मां को चाकू से मारने के प्रयास के आरोप लगाए। करीब आधे घंटे तक एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चलता रहा। इसी दरम्यान हाजी लतीफ ने झोले से कुरान निकाली और कहा कि इस पर हाथ रखकर कसम खाओ। इतना सुनना था कि एकबारगी सभी सन्न रह गए। हालांकि एसएसपी ने कहा कि ठीक है। कुरान पवित्र ग्रंथ है। इससे फैसला होना ठीक है। फिर सभी ने कुरान पर हाथ रखकर कसम खाई और जो फैसला हुआ उससे मानने पर राजी हो गए। एसएसपी ने कहा यदि एक महीने बाद कोई गड़बड़ी हुई तो फिर एसपी क्राइम मामले की जांच करेंगे।

इन पर बनी सहमति

-पत्‍‌नी - बेटे डेली क्भ्0 रुपए खर्च के रूप में देंगे।

-प्यार से बोलेंगे और काम में हाथ बटाएंगे।

-पिता को खाना खिलाने के साथ दवाई का खर्च भी उठाएंगे।

-पहनने के लिए कपड़े भी देंगे

- बुर्जग ने भी कभी उनसे गाली-गलौज न करने की कसम खाई।

Posted By: Inextlive