-संस्कृत यूनिवर्सिटी में मार्कशीट के वेरीफिकेशन में हो रही देरी का सैकड़ों फर्जी टीचर्स को मिल रहा लाभ

-वेरीफिकेशन में अनियमितता की जांच कर रही एसआईटी ने जताया ऑब्जेक्शन

VARANASI

संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी में मार्कशीट व सर्टिफिकेट का प्रॉपर वेरीफिकेशन न होने से फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी पाने वाले बने हुए हैं। ऐसे टीचर्स के मार्कशीट का वेरीफिकेशन यूनिवर्सिटी लेवल पर फंसे होने के कारण इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही है। एग्जाम रिकार्ड की जांच कर रही एसआइटी ने इसपर कड़ा ऑब्जेक्शन किया है। इस संबंध में रजिस्ट्रार प्रभाष द्विवेदी को लिखे लेटर में एसआइटी ने कहा है कि विभिन्न डिस्ट्रिक्ट के डायट में ट्रेनिंग के लिए सेलेक्ट कैंडीडेट्स व बेसिक शिक्षा विभाग के टीचर्स के पदों पर समायोजित अध्यापकों के मार्कशीट के सत्यापन में अनियमितता सामने आई है।

51 डिस्ट्रिक्ट का वेरीफिकेशन

इस क्रम में एसआइटी ने कुल 51 डिस्ट्रिक्ट में 2004 से 2017 के बीच चयनित टीचर्स की लिस्ट काफी पहले ही यूनिवर्सिटी को उपलब्ध कराई है। बावजूद चयनित अध्यापकों के अंकपत्रों का सत्यापन अब तक नहीं हो सका है। जबकि इस संबंध में नौ बार रिमाइंडर लेटर भी दिया जा चुका है। सत्यापन में हो रहे देरी आरोपियों को परोक्ष रूप से लाभ हो रहा है। मार्कशीट के वेरीफिकेशन के अलावा एसआईटी ने कई और प्वाइंट्स पर यूनिवर्सिटी से जानकारी मांगी है। इसमें परीक्षा अभिलेखों में हेराफेरी, कटिंग के लिए जिम्मेदार अधिकारी का नाम भी एसआईटी ने पूछा है। इसके अलावा इस संबंध में विश्वविद्यालय स्तर से अब तक हुई कार्रवाई जैसे प्राथमिकी, गिरफ्तारी के बारे में भी सूचना उपलब्ध कराने को कहा गया है।

एसआइटी ने टीचर्स की मार्कशीट का दोबारा वेरीफिकेशन करने के लिए भेजा है। इस क्रम में सत्यापन का कार्य जारी है। करीब चार हजार मार्कशीट होने के कारण वेरीफिकेशन में कुछ लेट हो रहा है। बावजूद अब तक 15 डिस्ट्रिक्ट के करीब एक हजार मार्कशीट का वेरीफिकेशन किया जा चुका है।

प्रो। राजनाथ, एग्जाम कंट्रोलर

Posted By: Inextlive