यह भी जानें

-4 सालों से आधूरा है स्टाफ

-137 फायरमैन के पद हैं स्टेशन पर

-57 पदों पर तैनात हैं फायरमैन

-2 गाडि़यां होनी चाहिए हर स्टेशन पर

-1 गाड़ी है अभी स्टेशन पर

-6 सबस्टेशन हैं टोटल डिस्ट्रिक्ट में

-संसाधनों और स्टाफ की कमी से जूझ रहा फायर बिग्रेड डिपार्टमेंट

-शासन को कई बार लेटर भेजने के बाद भी पूरी नहीं की गई डिमांड

बरेली : गर्मी के दिनों में आग की घटनाओं का ग्राफ बढ़ता है। ज्यादातर आग शॉर्ट सर्किट से लगती है जिससे निपटने के लिए डिस्ट्रिक्ट में सात फायर स्टेशन हैं, लेकिन हैरत की बात यह है यहां पर सालों से आधे-अधूरे स्टाफ और कम संसाधनों से काम चलाया जा रहा है। ऐसे में अगर कभी आग लगती है तो उसे बुझाने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अधिकारियों के मुताबिक स्टाफ की कमी का लैटर शासन को कई बार भेजा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

एक पर सात का बोझ

स्टाफ की कमी के कारण एक ही फायर स्टेशन पर सात सब फायर स्टेशन का बोझ है। जो शहर के विस्तार के साथ दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। आलम यह है कि काम के बोझ के चलते कई फायरमैन समय से पहले रिटायर होने की बात कर रहे हैं।

आधे से ज्यादा स्टाफ कम

इंडस्ट्रीयल इलाके समेत डिस्ट्रिक्ट में सात सब स्टेशन हैं, जिसमें परसाखेड़ा, मीरगंज, नवाबगंज फरीदपुर, बहेड़ी, आंवला और सिविल लाइन शामिल है। हैरत की बात है कि इन सब स्टेशन पर फायरमैन का टोटा है। सभी स्टेशन पर 137 फायरमैन का तैनाती होनी चाहिए, लेकिन सिर्फ 57 हैं। यहां पर फायर स्टेशन आफिसर्स, फायर स्टेशन सेंकेंड अफसर, हेडकांस्टेबल, ड्राइवर समेत कई पद चार साल से खाली पड़े हैं।

एक स्टेशन से पांच की मॉनिटरिंग

आग पर काबू पाने के लिए डिस्ट्रिक्ट में सात फायर सब स्टेशन बनाए गए है। जबकि तीन फायर स्टेशन बनाने की कवायद हो रही है। सिविल लाइंस और परसाखेड़ा फायर स्टेशन पर एक-एक फायर स्टेशन अफसर (सीएफओ) तैनात है। जबकि मीरगंज, नवाबगंज, फरीदपुर, बहेड़ी और आंवला सर्किल के फायर सब स्टेशन की कमान को संभालने वाला कोई नहीं है। यही वजह है कि पांच स्टेशन की मॉनिटरिंग चीफ फायर अफसर के ऑफिस से की जाती है।

गाडि़यां भी नहीं पूरी

जिला मुख्यालय में फायर बिग्रेड की पांच गाडि़या हैं। बाकी शहर के छह सबस्टेशनों में एक-एक गाड़ी है। जबकि गाइडलाइन के मुताबिक दो-दो गाडि़यां होनी चाहिए। इसकी वजह से फायरमैन को आग लगने पर दूसरे सबस्टेशन से भी गाड़ी मंगानी पड़ती है। जिसकी वजह से उन्हें प्रॉब्लम फेस करनी पड़ती है।

ओवर टाइम से परेशान

शहर के दस फायरमैन की ड्यूटी शासन की ओर से प्रयागराज के माघ मेला और लखनऊ व नोएडा के डिफेंस एक्सपो में लगाई गई है। इसकी वजह से सब स्टेशन पर तैनात फायरमैन पर बोझ और बढ़ गया है। ऐसे में अगर शहर में कोई हादसा हो जाता है तो आग बुझाने में फायर कर्मियों के पसीने छूटने तय है।

कई बार शासन को पत्र लिखकर बताया गया, खाली पदों पर भर्ती होनी चाहिए। इसके बाद भी कोई उम्मीद नहीं दिखाई पड़ती है।

चंद्र मोहन शर्मा, सीएफओ

Posted By: Inextlive