जमशेदपुर : टायो रोल्स के रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (आरपी) अनीस अग्रवाल ने झारखंड राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) के 370 करोड़ के क्लेम के आधार पर उसे 75 प्रतिशत से ज्यादा का वोटिंग अधिकार दे दिया है। शुक्रवार को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की कोलकाता डबल बेंच में जब आरपी ने टायो रोल्स का प्रोग्रेस रिपोर्ट सौंपा तो कर्मचारियों की ओर से उपस्थित वरीय अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव ने इसका विरोध किया। अधिवक्ता श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने कोर्ट में आरपी के प्रस्ताव का विरोध किया। साथ ही आरपी पर षडयंत्र रचकर कर्मचारियों को कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (सीओसी) से बाहर करने के मामले में भी गंभीर आरोप लगाए हैं। कहा कि पूर्व आरपी विनीता अग्रवाल ने कर्मचारियों का 30 करोड़ का क्लेम स्वीकृत किया था जबकि वर्तमान आरपी ने मात्र 28 करोड़ ही माना है जबकि उनका वास्तिवक क्लेम इंडस्ट्रीयल डिसपुट एक्ट 1947 की धारा 25 (ओ) की उपधारा 6 के तहत उनका क्लेम 210 करोड रुपये है क्योंकि एप्रोप्रिएट ऑथिरिटी (झारखंड सरकार के श्रम सचिव) 27 अक्टूबर 2016 ने पूर्व में प्रबंधन को कंपनी बंद नहीं करने का निर्देश दिया था। सीओसी से बाहर करने के बाद अधिवक्ता ने उनका पक्ष सुनने की मांग कोर्ट से की। कोर्ट ने भी पूरे मामले में शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 31 दिसंबर को होगी।

फोर्स लेकर कंपनी में घुसे : कोर्ट

सुनवाई के दौरान अखिलेश ने कोर्ट को बताया कि जब तक टायो रोल्स की पूरी जमीन का स्वामित्व सीओसी को नहीं मिल जाता। कंपनी का पुनरुद्धार नहीं हो सकता है। इस पर आरपी ने भी कोर्ट को बताया कि टायो रोल्स की पूरी जमीन पर अभी भी टाटा स्टील का पहरा है। इस पर कोर्ट ने कहा कि आप स्थानीय डीसी-एसपी को आवेदन दें और फोर्स लेकर कंपनी में जाएं। यदि फिर भी मदद नहीं मिलती है तो वे अगले सुनवाई में आदेश जारी करेंगे।

Posted By: Inextlive