यूं तो सीढिय़ां हम और आप रोज ही चढ़ते हैं लेकिन दिल्ली के famous senior consultant physiotherapist Dr. Rajesh Pal की मानें तो proper तरीके से की गई stair climbing आपके बिगड़े हुए exercise routineको चुटकियों में सुधार सकती है...

Tips before climbing
1-स्टेअर क्लाइम्बिंग से पहले वार्मअप और कूलडाउन जरूरी है. काफ, थाई मसल्स और स्पाइन की स्ट्रेचिंग करना भी जरूरी है.
2-एक्सरसाइज को धीरे से अपने रूटीन में शामिल करें. 2 से 3 दिन पहले वार्मअप करने से आपकी बॉडी फ्लेक्सिबल हो जाती है. 
3-सीढिय़ां धीमे से उतरें. नीचे तेजी से उतरने और ग्रैविटी के बॉडी को खींचने से बॉडी इंजरी के चांसेज 99 परसेंट तक बढ़ जाते हैं.
4-स्टेअर्स चढऩे के बीच में ब्रेक दें. डॉ. पाल कहते हैं, ‘5 स्टेअर्स चढऩे के बाद 1 से 2 मिनट के लिए वन-स्पॉट वॉकिंग करें.’
5-कम्फर्टेबल फुटवियर पहनें. सीढ़ी चढ़ते टाइम बॉडी वेट घुटने और पंजे पर आ जाता है. ऐसे में फुटवियर से सपोर्ट मिलता है.
6-स्टेअर क्लाइम्बिंग करते वक्त खुद को हाइड्रेटेड रखें. चौड़ी स्टेअर्स  चूज करें और एरिया में लाइटिंग और वेंटिलेशन का खयाल रखें.

Climbing advantage
1-डॉ.पाल कहते हैं,’यह एक इंटेंस एक्सरसाइज है जो हार्ट रेट को बहुत जल्द बढ़ा देती है और बहुत कम टाइम में कार्डियो वैस्क्यूलर फिटनेस देती है.’
2-डॉ. पाल के मुताबिक वुमेन के कॉमन प्रॉब्लम एरियास जैसे थाइस, बटक, टमी के लिए यह नियर परफेक्ट है. स्टेअर क्लाइम्बिंग से इन सारे पाट्र्स की अच्छी कसरत होती है.
3-इसका सबसे बड़ा बेनिफिट है कि इसे बहुत ईजिली दूसरी एक्सरसाइजेस जैसे ऐरोबिक्स के साथ कंबाइन किया जा सकता है और यह जिम शेड्यूल का हिस्सा भी बन सकती है.
4-गुड न्यूज यह है कि स्टेयर क्लाइंम्बिंग से बॉडी में कैल्शियम कंजम्पशन बढ़ता है जिससे  हड्डियां मजबूत होती हैं. यह ऑस्टियोपोरोसिस पेशेंट्स के लिए काफी बेनिफीशियल है.
5-यह इनएक्सपेंसिव और कंफर्ट एक्सरसाइज है क्योंकि आप इसे अपने घर, ऑफिस, जिम कहीं पर भी किसी भी टाइम पर कर सकते हैं.

Posted By: Surabhi Yadav