मध्य प्रदेश के दतिया जिले के रतनगढ़ माता मंदिर के पास बने पुल पर मची भगदड़ में मृतकों की संख्या 109 हो गई है.


स्थानीय पत्रकार अजय मिश्रा के अनुसार चंबल रेंज के पुलिस महानिरीक्षक एसएम अफ़ज़ल और उप पुलिस महानिरीक्षक डीके आर्या ने स्थानीय मीडिया को बताया कि रविवार सुबह हुए इस हादसे में लगभग सौ लोग घायल भी हुए हैं.घटनास्थल पर मौजूद अजय मिश्रा के अनुसार मारे गए लोगों में महिलाएं और बच्चे भी बड़ी संख्या में शामिल है.दतिया के रहने वाले और रतनगढ़ माता मंदिर के पास के इस पुल पर घटना के समय मौजूद अतुल चौधरी ने बीबीसी को फोन पर बताया कि, "पुल पर हज़ारों लोग अचानक चीखते हुए छोर की तरफ भागने लगे, जिससे भगदड़ की स्थिति बन गई. भगदड़ के दौरान कुछ लोग कुचले गए और कुछ जान बचाते हुए नदी में कूद गए. मैं और मेरे कुछ दोस्त पुल के छोर के पास थे इसलिए बच निकले, अफसोस है कि सभी लोग इतने सौभाग्यशाली नहीं थे."


पत्रकार ऋषि पांडे के अनुसार घायलों को दतिया, भिंड और ग्वालियर के अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है, लेकिन घटनास्थल काफ़ी दूर होने की वजह से राहत कार्य में देरी आ रही है.ऋषि पांडे के अनुसार भगदड़ के बाद कानून-व्यवस्था से नाराज़ श्रद्धालुओं ने वहां मौजूद पुलिसबल पर पथराव भी किया जिसमें कई पुलिसवाले घायल हुए हैं.न्यायिक जांच के आदेश

"पुल पर हज़ारों लोग अचानक चीखते हुए छोर की तरफ भागने लगे, जिससे भगदड़ की स्थिति बन गई. भगदड़ के दौरान कुछ लोग कुचले गए और कुछ जान बचाते हुए नदी में कूद गए. मैं और मेरे कुछ दोस्त पुल की छोर के पास थे इसलिए बच निकले."-प्रत्यक्षदर्शीराज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले की न्यायिक जांच के भी आदेश दिए है और मृतक के परिजनों को डेढ़ लाख और घायलों को 25 हज़ार का मुआवज़ा देने की बात की है.ऋषि पांडे के अनुसार इस मंदिर में हर साल नवमीं के दिन लाखों श्रद्धालु आते हैं, लेकिन भीड़ के अनुपात में पुलिस व्यवस्था नहीं रखी गई थी.रविवार सुबह 7 से 8 बजे के बीच दतिया से 55 किलोमीटर दूर स्थित रतनगढ़ माता मंदिर मंदिर जाने के दौरान पुल पर श्रद्धालुओं की भीड़ में पुल टूटने की अफवाह फैली, जिसके बाद स्थिति ने भगदड़ का रूप अख्तियार कर लिया. कई लोग भगदड़ में कुचल दिए गए जबकि कई जान बचाने के लिए नदी में कूद गए.मंदिर पुल के एक छोर पर है और दूसरे छोर से मंदिर की तरफ आने के लिए श्रद्धालु इस पुल का इस्तेमाल करते हैं.

नवरात्रि के कारण रतनगढ़ माता मंदिर में हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे. हादसे के वक्त इस करीब आधा किलोमीटर लंबे इस पुल पर भी सैकड़ों लोग मौजूद थे. साल 2006 में भी इस मंदिर के पास एक पुल पर ऐसा ही हादसा हुआ था जिसमें कई लोग मारे गए थे. इस हादसे के बाद ही पक्का पुल बनाया गया था.

Posted By: Subhesh Sharma