स्टेडियम में फिर से गूंजेगा सचिन-सचिन, लगातार 6 दिन देखने को मिलेंगी तेंदुलकर की यादगार पारियां
मुंबई (आईएएनएस)। भारतीय क्रिेकट इतिहास में एक से बढ़कर एक दिग्गज खिलाड़ी हुए। मगर जो पहचान सचिन को मिली, वो शायद ही किसी को मिल पाई। वनडे इतिहास में सचिन के नाम सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड है। हालांकि उन्हें रिटायर हुए कई साल हो गए मगर तेंदुलकर की पुरानी पारियों को अगर फिर से ताजा करना चाहते हैं तो स्टार स्पोर्ट्स आपके लिए सचिन-सचिन स्पेशल शो लेकर आया है। यह शो सचिन के 47वें बर्थडे को लेकर बनाया गया है।
24 अप्रैल को 47 साल के हो रहे सचिन24 अप्रैल को सचिन इस साल 47 साल के हो जाएंगे। करीब दो दशक से ज्यादा समय तक भारत के लिए खेलने वाले सचिन के नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हैं। 2013 में क्रिकेट को अलविदा कहने वाले सचिन ने 200 टेस्ट खेलकर 53.78 की औसत से 15921 रन बनाए है। इस दौरान उनके बल्ले से 51 शतक और 68 अर्धशतक निकले। वहीं वनडे की बात करें तो, मास्टर ब्लॉस्टर ने 463 मैच खेलकर 44.83 की एवरेज से 18426 रन अपने नाम किए। इसमें 49 शतक और 96 अर्धशतक हैं। हालांकि सचिन ने एक टी-20 इंटरनेशनल भी खेला है जिसमें 10 रन बनाए।
ओपनिंग करके हुए थे हिटयह सबको पता है सचिन तेंदुलकर ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत बतौर मिडिल ऑर्डर बैट्समैन के रूप में की थी। तेंदुलकर को पहली बार ओपनिंग का मौका न्यूजीलैंड में मिला। तब एक मैच में नवजोत सिंह सिद्घू घायल हो गए और टीम में ओपनर की जगह खाली हो गई। तब सचिन ने उस वक्त के कप्तान अजहर से सिद्घू की जगह ओपनिंग करने के लिए पूछा था। इस घटना का जिक्र सचिन ने हाल ही में अपने ऐप 100 एमबी में किया था।
ऐसे मिली थी ओपनिंगसचिन ने आगे बताया, 'उस वक्त ओपनिंग करना एक अलग बात होती थी। मुझे याद है 1992 विश्वकप में मार्क ग्रेटबैच शुरुआती ओवरों में धीमे खेलते थे। उनका मानना था कि पहले गेंद नई होती है और एक बार घिस जाने के बाद अटैकिंग बल्लेबाजी कर सकते हैं। यानी वह आखिरी 10 ओवरों में तेजी से रन बनाते थे मगर मेरा मानना था कि शुुरआत में 15 ओवरों में अगर तेजी से रन बना लिए, तो पूरी इनिंग में गेंदबाजी टीम दबाव में आ जाती है।' खैर अजहर ने तेंदुलकर की बात मान ली और ओपनिंग के लिए भेजा, बैटिंग में जाते समय तेंदुलकर कप्तान अजहरुद्दीन से कह कर गए, 'अगर वह फेल हो जाते हैं तो दोबारा कभी उनके सामने नहीं आएंगे।' इसके बाद सचिन ने उस मैच में 49 गेंदों में 82 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली। इसमें 15 चौके और दो छक्के शामिल थे। इसके बाद तेंदुलकर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और क्रिेकट जगत के सबसे महान ओपनर बल्लेबाजों में शामिल हुए।