क्या आप जानते हैं कि हमारे एटमॉस्फेयर में करीब 3.1 क्वाड्रिलियन गैलन पानी है। ये सच है कि हमारे आसपास नन्हीं बूंदों व ह्यूमिडिटी के रूप में उतना पानी मौजूद है जो हमारे देश की पानी से जुड़ी प्रॉब्लम को दूर करने के लिए काफी है। एटमॉस्फेयर के इसी सीक्रेट से एटमॉस्फेयर वॉटर जेनरेटर को इजाद किया है एम रामकृष्णा ने। कैसे जानें।


कानपुर (फीचर डेस्क)। आपके आसपास के एटमॉस्फेयर में मौजूद ह्यूमिडिटी कई बार आपको कितना परेशान करती है, लेकिन क्या आपको पता है कि ये आपके लिए कितनी काम की है। इस बात का प्रूफ अपने स्टार्टअप के जरिए दिया है हैदराबाद के एम रामकृष्णा ने। मैत्री एक्वेटेक के नाम से शुरू की अपनी कंपनी के अंडर में इन्होंने एटमॉस्फेरिक वॉटर जेनरेटर को लॉन्च किया और ये साबित किया कि अपनी रेंज में मौजूद नमी से कैसे पीने लायक पानी बनाया जा सकता है।कैसा है वर्किंग प्रोसेस
रामकृष्णा इसको लेकर बताते हैं कि एडब्ल्यूजी में एटमॉस्फेयर में मौजूद नमी से पानी निकालने और इसे शुद्ध करने के लिए कई नई टेक्नोलॉजीज का यूज किया गया है। यह एटमॉस्फेयर की नमी को अपने अंदर खींचकर उससे साफ, सुरक्षित और शुद्ध पीने लायक पानी बनाने के लिए उष्मा के आदान-प्रदान का इस्तेमाल करता है। असल में इस एडब्ल्यूजी में एक यूनिट लगी है, जो पानी को पीने लायक बनाने के लिए उसमें खनिज शामिल करने का काम करती है। आगे उन्होंने बताया कि इस एडब्ल्यूजी यूनिट को एक ही जगह पर स्थिर रूप में और गतिशील रूप में गाड़ियों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह 30 ली., 100 ली., 500 ली. और 1000 ली. प्रतिदिन की क्षमता से शुद्ध पानी दे सकता है।ऐसे मिला था आइडियारामकृष्णा कहते हैं कि साइंस और इलेक्ट्रॉनिक्स में उनका इंटरेस्ट पहले से था। एक बार पढ़ाई के दौरान वह अपने एक दोस्त के घर पर थे। वहां ह्यूमिडिटी की प्रॉब्लम बहुत ज्यादा थी, इतनी कि उससे दीवारें तक गिली हो चुकी थीं। तभी उन्होंने दिमाग लगाया कि ह्यूमिडिटी के नाम पर कितना पानी तो ऐसे भी बर्बाद हो रहा है। काश, कुछ ऐसा हो जो इस नमी को अब्जॉर्ब करके इससे साफ पानी लायक पानी बना सके।टारगेट के अकॉर्डिंग बढ़ रही है ग्रोथ भीअपने स्टार्टअप मैत्री की ग्रोथ को लेकर रामकृष्णा बताते हैं कि फिलहाल उनके इस प्रोडक्ट ने अफ्रीका, मध्य-पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया की लिस्टिंग में टॉप लेवल को छू लिया है। अब उनका टारगेट अपने देश की पानी से जुड़ी समस्या को दूर करने में मदद करना है। इसके लिए उन्होंने इंडिया के कई बड़े शहरों को अपने टारगेट पर रखा है, जिसमें दिल्ली, बंगलुरु जैसे शहर प्रियॉरिटी पर हैं, जहां पानी की प्रॉब्लम ज्यादा है। &features@inext.co.inSuccess Story: अब दिव्यांग खड़े हो कर चल पाएंगे, 'स्टैंडिंग व्हील चेयर' ने किया पाॅसिबल

Posted By: Vandana Sharma