- तुलाज में स्टार्ट हुई देश की फ‌र्स्ट रोबोटिक्स लैब

- छात्र रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी की प्रोग्रामिंग पर काम करेंगे

DEHRADUN: मेड इन इंडिया की जगह 'मेक इन इंडिया' के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के ख्वाब को दून के होनहार साकार करेंगे। सपने को सच में बदलने की शुरुआत की तुलाज इंस्टीट्यूट ने। जहां स्टूडेंट्स जर्मन रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी की प्रोग्रामिंग पर काम करेंगे। इसके लिए इंस्टीट्यूट में रोबोटिक्स लैब भी बनाई गई है। खास बात यह कि दून की यह लैब देश की पहली लैब होगी, जहां स्टूडेंट्स जर्मन टेक्नोलॉजी पर काम करेंगे।

विदेशी टेक्नोलॉजी के काम करेगी

तुलाज इंस्टीट्यूट में थर्सडे को देश की पहली रोबोटिक्स लैब का इनॉगरेशन हुआ। लैब को संस्थान के चेयरमैन सुनील कुमार जैन, इंडो-यूरो सिनक्रोनाइजेशन के फाउंडर वांगापंडू वेंकटनागाराजू, यूरोपियन सेंटर ऑफ मैकाट्रॉनिक्स एपीएस लैब के एमडी डा। डेनियल हैन और कॉम्श्योर नॉलेज ट्रांसफर सेंटर इंडिया के सीईओ तेजा गुडलूरू ने लैंप लाइटिंग कर इनॉग्रेट किया। प्रोग्राम के दौरान इंडो-यूरो सिनक्रोनाइजेशन के फाउंडर वांगापंडू वेंकटनागाराजू ने कहा कि यह पहली बार है जब देश के स्टूडेंट्स पहली बार पढ़ाई के साथ ही विदेशी टेक्नोलॉजी के काम करेगी। रोबोटिक्स के लिए अब तक कोई लैब स्थापित नहीं थी। दून में बनाई गई यह लैब देश के मेक इन इंडिया के सपने को साकार करेगी।

जर्मन प्रोजेक्ट्स पर स्टृडेंट्स करेंगे काम

इंस्टीट्यूट की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सिल्की जैन ने बताया कि लैब की टेक्नोलॉजी जर्मन होगी। स्टूडेंट्स रोबोटिक्स की फंक्शनिंग के लिए प्रोग्रामिंग तैयार करेंगे। जिसमें एक्स्प‌र्ट्स का मार्गदर्शन चौबीसों घंटे रहेगा। उन्होंने बताया कि जर्मनी की एपीएस लैब जो कि जर्मन टेक्नोलॉजी के लिए काम करती है स्टूडेंट्स को प्रोजेक्ट्स देगी। जिस पर स्टूडेंट्स काम करेंगे। यह पहली बार होगा जब देश के स्टूडेंट्स देश में रहकर विदेश के लिए तकनीकि पर काम करेंगे। इस मौके पर तुलाज इंस्टीट्यूट के वाइस प्रेसीडेंट रौनक जैन, डायरेक्टर प्रो.प्रमोद कुमार, रजिस्ट्रार पवन कुमार चौबे सहित काफी संख्या में स्टूडेंट्स मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive