क्त्रन्ष्टहृ॥ढ्ढ : जल और ऊर्जा संरक्षण आज पूरी दुनिया के लिए चुनौती बनी हुई है। पानी बचाने और ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोत तलाशने की मुहिम विश्वव्यापी स्तर पर चल रही है। इस दिशा में बाल वैज्ञानिक भी काम कर रहे हैं। राज्य स्तरीय बाल विज्ञान प्रदर्शनी में आए करीब 1000 मॉडल में सबसे ज्यादा मॉडलों का प्रदर्शन सौर, पवन ऊर्जा और जल संरक्षण के मुद्दे पर बना हुआ था। रांची जिला स्कूल परिसर में यह प्रदर्शनी बुधवार तक चलेगी। प्रदर्शनी के पहले दिन का उद्घाटन शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव ने किया। इस मौके पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक मनीष रंजन, स्कूली शिक्षा सचिव आराधना पटनायक, उच्च शिक्षा एवं तकनीकी विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह, माध्यमिक शिक्षा की उपनिदेशक आभा कुसुम तिर्की आदि तमाम लोग मौजूद थे।

छात्राओं को मिलेगा टैब

शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव ने कहा कि कस्तूरबा विद्यालय की सभी छात्राओं को टैब दिया जाएगा। 15 नवंबर से इसकी शुरुआत होगी। छात्राओं को टैब उपलब्ध कराने के बाद अन्य स्कूल की छात्राओं टैब दिया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य के बच्चों को यह कभी नहीं लगे कि वे टेक्नोलॉजी में पीछे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए छात्राओं के बीच टैब वितरित करने की योजना सरकार ने बनाई है।

चुने जाएंगे 54 मॉडल

राज्य स्तरीय बाल विज्ञान प्रदर्शनी की बेसिस पर 54 मॉडल चुने जाएंगे। चयनित प्रतिभागियों को आइआइटी दिल्ली में राष्ट्रीय विज्ञान प्रदर्शनी में भाग लेने का मौका मिलेगा। दिल्ली में यह प्रदर्शनी 6-7 दिसंबर को होना है।

सरायकेला की छात्रा का सम्मान

इंस्पायर्ड अवार्ड स्कीम के तहत जापान में सकूरा एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत झारखंड का प्रतिनिधित्व करने वाली छात्रा नीशू कुमारी को सम्मानित किया गया। निशु राजकीयकृत मवि सरायकेला की छात्रा है। शिक्षा मंत्री की ओर से 25 हजार रुपए का चेक और मोमेंटो देकर नीशू को सम्मानित किया गया।

इन मॉडल्स ने किया इंप्रेस

1- एयर प्रेशर से चलेगी जेसीबी मशीन

जमशेदपुर के बावनगोड़ा ऊर्दू मवि के आठवीं के छात्र मो शहनवाज ने वायुदाब के नियमों पर आधारित जेसीबी मशीन का मॉडल तैयार किया है। बड़ी सिरिंज और पाइपों में पानी के जरिए दबाव बनाकर जेसीबी सिस्टम को मूवमेंट कराया है।

2- मिरर से होगा सोलर एनर्जी का कंजर्वेशन

बुढ़मू अपग्रेड मिडिल स्कूल की क्लास 8 की छात्रा प्रिया कुमारी ने स्पेस वेस्ड सोलर एनर्जी तैयार किया है। प्रिया ने बताया कि कॉन्टीव मिरर(अवतल दर्पण)के सहारे सौर ऊर्जा का संचयन किया जा सकता है। यह मॉडल नासा के रिसर्च से तैयार किया गया है। भारत में स्पेस वेस्ड सोलर एनर्जी की संभावनाएं सबसे ज्यादा देखी जा रही है।

3- यूज्ड वाटर का रिसाइक्लिंग

मारवाड़ी प्लस टू हाई स्कूल के छात्र सागर गोराई ने ईको फेंडली टेक्नीक ऑफ कोल ट्रांसपोर्टेशन यूजिंग वाटर का मॉडल तैयार किया है। पाइप लाइन के जरिए पानी के दबाव से कोयले के डस्ट को पहुंचाया जा सकता है। इस काम में यूज किए गए पानी की रिसाइक्लिंग कर इसे फिर से काम लायक बनाया जा सकेगा।

Posted By: Inextlive