GORAKHPUR: बेहतर इलाज के लिहाज से पूर्वाचल के लिए नया साल काफी उम्मीद भरा है। बीत रहा साल हेल्थ एजुकेशन और हेल्थ के क्षेत्र में सिटी को कई तोहफे दे गया। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एजुकेशन से लेकर इलाज की व्यवस्था में काफी सुधार हुआ तो वहीं तेजी से जारी एम्स का निर्माण भी जल्द बेहतर चिकित्सा की उम्मीद जगाए हुए है। इस साल कई ऐसे कार्य हुए जिनके चलते जिले की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की सेहत सुधर गई। आने वाले वर्ष से भी ऐसे ही कुछ तोहफों की उम्मीद है।

इन योजनाओं के धरातल पर आने की उम्मीद

शुरू होगा 500 बेड अस्पताल

वैसे तो बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 30 दिसंबर 2016 को ही तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने इसका उद्घाटन किया था। लेकिन निर्माण कार्य पूरा न हो पाने से दो साल में इसकी ओपीडी शुरू नहीं कराई जा सकी। इस वर्ष इसके पूरा होने और यहां इलाज शुरू होने की उम्मीद है।

टीबी अस्पताल होगा हैंडओवर

देरी के बाद भी 100 बेड टीबी अस्पताल का निर्माण अब पूरा हो गया है। यहां ओपीडी चल रही है, लेकिन अब जल्द ही पूरा अस्पताल संचालित होने की उम्मीद है। कार्यदायी संस्था इसे हेल्थ डिपार्टमेंट को हैंडओवर करने वाली है जिसके बाद यहां सामान्य पेशेंट्स का भी इलाज होगा।

100 बेड मैटरनिटी विंग होगी शुरू

जिला महिला अस्पताल कैंपस में प्रस्तावित 100 बेड मैटरनिटी विंग का उद्घाटन 2017 में करने की तैयारी थी लेकिन ऐसा हो नहीं सका। कार्यदायी संस्था अब जाकर इसका निर्माण कार्य पूरा कर सकी है। शासन से इसके लिए मानव संसाधन की स्वीकृति भी मिल चुकी है। जल्द ही यह शुरू होगी।

बालरोग संस्थान निर्माण

वर्ष 2017 में बीआरडी मेडिकल कॉलेज कैंपस में प्रस्तावित बालरोग संस्थान का निर्माण कार्य पूरा कराकर उद्घाटन की योजना थी। लेकिन कार्यदायी संस्था समय से निर्माण कार्य पूरा नहीं कर सकी। इस वर्ष इसके भी पूरा होने की उम्मीद है। यहां बच्चों के इलाज की बेहतर व्यवस्था होगी।

शुरू होना है सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 200 बेड सुपर स्पेशियलिटी वार्ड का निर्माण कार्य जल्द ही पूरा होगा। निर्धारित समय पर निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद है। नए साल में इसके जरिए पूर्वाचल वासियों को सुपर स्पेशियलिटी स्वास्थ्य सेवा मिलेगी।

जिला अस्पताल में एमआरआई

जिला अस्पताल में काफी समय से एमआरआई जांच की व्यवस्था नहीं थी। जिसकी वजह से मरीजों को बाहर के सेंटर्स का रुख करना पड़ता है लेकिन अब अस्पताल में एमआरआई भवन का निर्माण शुरू हो गया है। उम्मीद है कि नए साल में मरीजों को जांच की सुविधा मिलेगी।

कार्निया बैंक हुआ चालू

आंख की रोशनी की कमी से जूझ रहे पेशेंट्स के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज ने उम्मीद की किरण जगाई। यहां कार्निया बैंक की शुरूआत हुई। इसमें अब तक सफलतापूर्वक कई कार्निया ट्रांसप्लांट अंजाम भी दिए जा चुके हैं। इससे आई डिपार्टमेंट में एमएस की मान्यता का संकट भी समाप्त हुआ।

सीआरसी और आरएमआरसी का शिलान्यास

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में दिव्यांगों के इलाज और पुनर्वास के लिए केंद्र सरकार की ओर से प्रस्तावित सीआरसी एवं आरएमआरसी सेंटर का शिलान्यास किया गया। इसके साथ ही दिव्यांगों के लिए सीतापुर आई हॉस्पिटल मे अस्थाई तौर पर सीआरसी का संचालन शुरू किया गया।

पीआईसीयू की क्षमता बढ़ी

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इस साल कई उल्लेखनीय कार्य हुए। इसमें से एक पीडियाट्रिक आईसीयू की क्षमता विस्तार है। पहले यहां 12 वार्मर थे, अब इनकी संख्या 60 हो चुकी है। इसके साथ ही वेंटीलेटरयुक्त छह बेड की हाई डिपेंडेंसी यूनिट अब 36 बेड की हो चुकी है।

ट्रामा सेंटर का आईसीयू हुआ शुरू

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में वर्ष 2017 में ट्रामा सेंटर के पास आईसीयू का उद्घाटन हुआ था। लेकिन कई कमियों के कारण इसका संचालन नहीं शुरू हो पा रहा था। 2018 में इन कमियों को दूर करके इसका संचालन किया गया। गंभीर घायलों को यहां बेहतर इलाज मिल रहा है।

शुरू हुआ पहला रैन बसेरा

बीआरडी मेडिकल कॉलेज मे दूरदराज से आने वाले पेशेंट्स और तीमारदारों के लिए इस वर्ष पहला रैन बसेरा शुरू हुआ। एयरफोर्स की ओर से बनाए गए इस रैन बसेरे में 108 बेड हैं। इससे पहले यहां पर पेशेंट्स और तीमारदारों के रात्रि विश्राम की कोई व्यवस्था नहीं थी।

वार्ड 11 का नवीनीकरण

इस्तेमाल के लायक नहीं रह गए मेडिकल कॉलेज के वार्ड 11 का नवीनीकरण किया गया। अब यहां 54 बेड वाला पीडियाट्रिक वार्ड संचालित हो रहा है। इससे बच्चों के इलाज की सुविधा में इजाफा हुआ। इसके अलावा कई वेंटीलेटर, नए डॉक्टर समेत अन्य संसाधनों की वृद्धि हुई।

शुरू हुई हीमो डायलिसिस यूनिट

जिला अस्पताल में वर्षो से लटकी हीमो डायलिसिस यूनिट खोलने की योजना परवान चढ़ी। बनारस के हेरिटेज अस्पताल की ओर से यहां डायलिसिस यूनिट का संचालन शुरू हुआ। 2016 में ही इसे चालू होना था। प्रदेश सरकार ने लटकी हुई इस योजना को गति देकर धरातल पर उतारा।

पीआईसीयू और एसएनसीयू में भी बढ़े बेड

जिला अस्पताल के पीआईसीयू और महिला अस्पताल के एसएनसीयू में बेड बढ़ाए गए। पीआईसीयू में पांच और एसएनसीयू में 10 बेड बढ़े। इसके साथ ही 2017 में बने तीन सीएचसी पर बने मिली पीआईसीयू का संचालन शुरू किया गया। 22 पीएचसी पर संचालित ईटीसी का कायाकल्प हुआ।

महिला अस्पताल में बढ़े डॉक्टर

जिला महिला अस्पताल में डॉक्टर्स का टोटा खत्म हुआ। 2016-17 में यहां आठ डॉक्टर्स की तैनाती थी। इससे मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। अब यहां डॉक्टर्स की संख्या करीब चार गुना होकर 33 हो चुकी है। इससे लोगों में बेहतर इलाज के लिए महिला अस्पताल पर भरोसा बढ़ा है।

Posted By: Inextlive