- विभागीय कार्रवाई के दस्तावेजों की जांच के बाद ही गिरफ्तारी का होगा निर्णय

- डीएसपी की सुपरविजन रिपोर्ट की समीक्षा के बाद सिटी एसपी ने दिया आदेश

- सुपरविजन में दोषी मिले हैं सिंकू व तत्कालीन कार्यपालक दंडाधिकारी बद्री नाथ चौबे

- कोतवाली थाने में दर्ज प्राथमिकी के मामले में सिंकू सहित सभी आरोपितों की गिरफ्तारी का हुआ था आदेश

-- मामला रांची के चुटिया में एक जमीन का गलत दस्तावेज तैयार करने का

रांची : रांची के कोतवाली थाने में दर्ज धोखाधड़ी के एक मामले में दोषी मिले रांची के पूर्व एसडीओ विनय कुमार सिंकू की फिलहाल गिरफ्तारी नहीं होगी। सिंकू वर्तमान में दुमका में राष्ट्रीय नियोजन कार्यक्रम में निदेशक हैं। डीएसपी कोतवाली की सुपरविजन रिपोर्ट की समीक्षा के बाद एसपी सिटी हरिलाल चौहान ने अनुसंधानकर्ता को यह आदेश दिया है। उन्होंने समीक्षा रिपोर्ट में लिखा है कि शिकायतकर्ता के सूचनाधिकार से प्राप्त दस्तावेज के अनुसार नामजद बद्रीनाथ चौबे (तत्कालीन कार्यपालक दंडाधिकारी सदर रांची) व विनय कुमार सिंकू (तत्कालीन एसडीओ रांची) पर विभागीय कार्रवाई भी हुई है। उक्त दस्तावेज का सत्यापन जरूरी है, इसलिए अनुसंधानकर्ता उक्त दस्तावेज का सत्यापन करें और उसके बाद ही न्यायोचित एवं विधि सम्मत कार्रवाई किया जाना उचित होगा।

चुटिया के शिकायतकर्ता

शिकायतकर्ता हरि प्रसाद अग्रवाल हैं, जो रांची चुटिया के निवासी हैं। उनकी शिकायत पर ही कोतवाली थाने में 15 नवंबर 2015 को कांड संख्या 864/15 में धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज की गई थी। आरोप तत्कालीन एसडीओ विनय कुमार सिंकू, तत्कालीन कार्यपालक दंडाधिकारी बद्रीनाथ चौबे, तत्कालीन पेशकार नीतेश कुमार, रमेश कुमार अशोक कुमार साहू व अन्य कर्मियों पर लगा था। इसमें बद्रीनाथ चौबे को छोड़कर सभी आरोपितों ने हाई कोर्ट से जमानत ले ली है। आरोपितों पर जमीन संबंधित दस्तावेज बदलने व दस्तावेज से छेड़छाड़ का आरोप है।

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Posted By: Inextlive