JAMSHEDPUR: टाटानगर स्टेशन से खुलने वाली स्टील एक्सप्रेस में जल्द ही एलएचवी कोच लगाए जाएंगे। इसके लिए 22 एलएचवी कोच तैयार कर लिए गए हैं। इस कोच के लग जाने से अब टाटानगर स्टेशन से हावड़ा स्टेशन तक बिना झटके के स्टील एक्सप्रेस के यात्री सफर कर पाएंगे। सीपीआरओ संजय घोष ने बताया कि स्टील एक्सप्रेस में जल्द ही एलएचवी कोच लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

चक्रधरपुर मंडल से होकर गुजरने वाली पुरुषोत्तम एक्सप्रेस, राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी व दुरंतों एक्सप्रेस, कुर्ला हावड़ा ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस अप और डाउन,हावड़ा, लोकमान्य तिलक टर्मिनल मुंबई हावड़ा समरसता एक्सप्रेस सहित एक दर्जन ट्रेनों में अत्याधुनिक तकनीक वाले एलएचबी (लिंक हॉफमैन बुशेस) कोच पहले ही लगाए जा चुके हैं। इसके अलावा टाटानगर स्टेशन से खुलने वाली अंत्योदय एक्सप्रेस में एलएचबी कोच का इस्तेमाल किया गया है। इन ट्रेनों को 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पटरियों पर दौड़ाया जा सकता है। सीबीसी (सेंट्रल बफलर कपलिंग) वाले इस कोच से काफी हद तक रेल हादसों को रोकने में मदद मिलेगी। रेलवे बोर्ड जल्द ही चक्रधरपुर मंडल में एलएचवी कोच की ट्रेन की संख्या बढ़ाने पर विचार कर रहा है। क्योंकि प्रति वर्ष आठ हजार सीबीसी लगाए जाने की बात रेलवे द्वारा कही जा रही है।

47 हजार आईसीएफ कोच दौड़ रहे पटरियों पर

रेलवे अधिकारी की मानें तो रेलवे के पास कुल 55 हजार कोच हैं, जिनमें 47 हजार आइसीएफ (पुराने डिब्बे) हैं और आठ हजार एलएचबी कोच हैं। प्रत्येक वर्ष आठ हजार सीबीसी लगाए जाने की बात कही जा रही है। ताकि ताकि ट्रेन हादसों में किसी तरह की क्षति न हो।

सेंसर डिवाइस से पता चलती है खराबी

एलएचवी कोच व इंजन में सेंसर लगा होता है। ट्रेन के किसी भी कोच में अगर कोई भी खराबी आएगी तो तुरंत सेंसर के माध्यम से इसकी जानकारी हो जाएगी। जिसके बाद तुरंत उक्त खराबी को ठीक करने के लिए अगली कार्रवाई की जाएगी।

यह है एलएचवी कोच की खूबी

सेंटर बफलर कपलिंग (सीबीसी) वाले एलएचवी कोच की कपलिंग टूटती नहीं है। हादसा होने की दशा में यह कोच न तो पलटते हैं और न ही एक दूसरे के ऊपर चढ़ते हैं। इस कोच का ब्रेकिंग सिस्टम सही है। जहां ट्रेन को रोकना चाहे ट्रेन वहीं रुक सकती है। एलएचवी कोच वाली ट्रेन चलने से इसमें झटके कम लगते हैं और आवाज भी नहीं आती। कोच में लगी ट्राली काफी हल्की होती है जिससे यह ट्रेन काफी रफ्तार से भागती है। यह कोच यात्रियों के लिए काफी आरामदायक है।

Posted By: Inextlive