बहुत जल्‍द आपको आकाश और आकाश के पार आलौकिक जीवन के बारे में सब कुछ मालूम पड़ने वाला है। ये संभव होगा ब्रिटेन के मशहूर कॉस्‍मोलॉजिस्‍ट स्‍टीफन हॉकिंग के जरिए। दरअसल सोमवार को स्‍टीफन हॉकिंग ने $100 मिलियन 92 लाख यूरो में अब तक की सबसे बड़ी खोज का शुभारंभ कर दिया है। ये खोज है आकाशीय परियोजना और एलियंस को लेकर। बताया जा रहा है कि इस खोज को पूरा करने में पृथ्‍वी के सबसे बड़े टेलीस्‍कोप का इस्‍तेमाल किया जाएगा। ये वो टेलीस्‍कोप होगा जो रेडियो और लेसर सिग्‍नल्‍स की तुलना में और भी ज्‍यादा गहराई से ब्रह्मांड के अंदर खोज करने में मदद कर सके।

10 करोड़ डॉलर खर्चे का है अनुमान
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस खोज को पूरा होने में करीब 10 साल का वक्त लगेगा। 10 साल के इस प्रोजेक्ट पर 10 करोड़ डॉलर खर्चे का अनुमान भी लगाया जा रहा है। जानकारी है कि पूरी दुनिया को हिलाकर रख देने वाले इस प्रोजेक्ट में सिर्फ स्टीफन ही नहीं, बल्कि ब्रिटेन के और भी वैज्ञानिक जुड़ेंगे। इस प्रोजेक्ट को लंदन की रॉयल सोसायटी साइंस अकादमी में सोमवार को लॉन्च कर दिया गया है। प्रोजेक्ट लॉन्चिंग के इस मौके पर स्टीफन ने कहा कि अगर ब्रह्मांड वाकई अनंत है, तो धरती के अलावा और कहीं भी जीवन की संभावनाएं जरूर होंगी। इसके साथ ही एक्सपर्ट्स कहते हैं कि ये खोज बीती खोजों से 50 गुना ज्यादा संवेदनशील और आकाश्ा से 10 परत ऊपर के क्षेत्र को कवर करेगी।
एक खास बीमारी से पीड़ित हैं हॉकिंग
यहां एक और बड़ी जानकारी को साझा करना बेहद जरूरी है। वह यह कि इस अभियान को शुरू करने वाले स्टीफन हॉकिंग एक खास बीमारी से पीड़ित हैं। इस बीमारी के चलते अपने गाल की मांसपेशियों के जरिए अपने चश्मे पर लगे सेंसर को कंप्यूटर से जोड़कर ही बातचीत कर पाते हैं। आम बोलचाल की भाषा में वह बात नहीं कर पाते हैं। कंप्यूटर की मदद से उन्होंने लोगों को इस प्रोजेक्ट की अहमियत के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि हम सब जीवित हैं, हम सब बुद्धिमान हैं और हमें इस बारे में जरूर पता होना चाहिए।  
'यही सबसे बड़ा है सवाल'
इसके आगे हॉकिंग ने बताया कि यही सबसे बड़ा सवाल है। इससे बड़ा सवाल और कोई नहीं। उन्होंने कहा कि यही वो सही समय है जब हम सब मिलकर इस सवाल के जवाब को धरती की बाहरी दुनिया में खोजें। इस खोज के लिए धन उपलब्ध कराने वाले रूसी सिलिकॉन वैली के उद्यमी यूरी मिलनर ने कहा कि एलियंस के निशान खोजने के लिए ये अब तक की सबसे गहन वैज्ञानिक खोज होगी।

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Posted By: Ruchi D Sharma