दावे बेकार, पॉलीथिन में माल बेच रहे दुकानदार
- शहर के कई इलाकों के दुकानदार ग्राहकों को पॉलीथिन में ही बेच रहे सामान
- कई जगह ग्राहकों को सामान के साथ ही खरीदना पड़ रहा झोला GORAKHPUR: 15 जुलाई को 50 माइक्रॉन से कम की पॉलीथिन बैन होने से पहले और बाद भी गोरखपुर नगर निगम जांच की दर्जनों कार्रवाई कर चुका है। औचक छापेमारी के बाद पॉलीथिन जब्त कर दुकानदारों पर जुर्माना भी लगाया जाता रहा। लेकिन इस कार्रवाई का फिलहाल जमीनी स्तर पर कोई विशेष प्रभाव नहीं दिखाई दे रहा है। शहर के कई बाजारों में अभी भी खुलेआम दुकानदार पॉलीथिन में समान बेच रहे हैं। हालांकि इसमें बड़ी संख्या उन दुकानदारों की है जिन्होंने पहले से पॉलीथिन खरीद ली थी। लिहाजा वह पहले खरीदे गए माल को खपाने में लगे हैं। यदि यही स्थिति रही तो पॉलीथिन बैन के दावे केवल कागजों तक ही सिमटे रह जाएंगे।5 रुपए में बिक रहा झोला
पॉलीथिन बिक्री बैन होने के बाद कोई विकल्प नहीं होने के कारण दुकानदारों और पब्लिक दोनों को परेशानी हो रही है। लोगों का कहना है कि अब खरीदारी के लिए जरूरी तौर पर झोले लेकर चलने की आदत डालनी पड़ेगी। नगर निगम की कार्रवाई का ये प्रभाव है कि शहर के मेन मार्केट में सब्जी व फल की दुकानों पर अब झोले भी बिक रहे हैं। सब्जी या फल खरीदिए और साथ में झोले की कीमत भी अदा कीजिए तब ही राहत मिल सकती है। दुकानदार एक झोले के बदले ग्राहकों से पांच रुपए ले रहे हैं। लेकिन शहर के बाहरी एरिया में अभी भी पॉलीथिन पर रोक का प्रभाव नहीं दिख रहा है। इन इलाकों की दुकानों पर खुलेआम अब भी पॉलीथिन में ही सामान बेचा जा रहा है।
बढ़ जा रहा खरीदारी का बजट सब्जी, फल या कुछ भी खरीदारी करने पर दुकानदार खुद ही ग्राहक को पॉलीथिन में समान रखकर देते थे। इसका कारण यह था कि पॉलीथिन काफी सस्ते होते थे तो दुकानदार की लागत पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता था। लेकिन एक झोले की कीमत कम से कम पांच रुपए है जिसके कारण दुकानदार खुद यह खर्चा नहीं उठाना चाह रहे। इसलिए पब्लिक जब बिना झोले के ही समान खरीदने चली जा रही है तो दुकानदार या तो उसकी कीमत ले रहा है या फिर समान देने से ही मना कर दे रहा है जिससे पब्लिक को भी परेशानी हो रही है। बॉक्स पर्यावरण के लिए बैन को समर्थनहालांकि परेशानियां झेलने के बाद भी लोग पॉलीथिन बैन का समर्थन कर रहे हैं। लेकिन साथ में लोग सुझाव भी दे रहे हैं कि सरकार को कोई विकल्प मुहैया कराने के बारे में भी विचार करना चाहिए। पेशे से टीचर दयाराम जायसवाल ने बताया कि हम पहले से ही पॉलीथिन का कम से कम इस्तेमाल करते हैं। सावधानी के लिए बाइक की डिक्की में हमेशा ही एक झोला रखे रहते हैं, जिससे की खरीदारी के दौरान किसी तरह की समस्या न आए।
वर्जन पॉलीथिन बैन करने को लेकर लगातार कार्रवाई की जा रही है। इस दौरान पकड़े जाने पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है। आगे भी नियमित कार्रवाई चलती रहेगी। - मुकेश रस्तोगी, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम