यहां तो ड्राइव करने वाला भी हेलमेट नहीं लगाता
ट्रैफिक नियमों की खुलेआम अवहेलना कर रहे दोपहिया वाहन चालक
इतना आसान नहीं होगा प्रदेश सरकार के नियमों का पालन कराना, लोगों के पास मौजूद हैं हेलमेट नहीं लगाने दस बहाने ajeet.singh@inext.co.inALLAHABAD: सरकार चाहती है कि दोपहिया वाहनों पर पीछे बैठने वाले भी हेलमेट लगाएं, ताकि उनकी जान की रक्षा की जा सके। सड़क दुर्घटना में मरने वालों में वाहन चालक के साथ पीछे बैठी सवारी भी शामिल होती है और सरकार इस बात का इल्म भी है। यही कारण है कि इस कानून के सख्ती से पालन कराने के निर्देश प्रदेश सरकार ने जारी कर दिए हैं। जल्द ही इस कानून को भी लागू कर दिया जाएगा लेकिन सवाल यह उठता है कि जब वाहन चलाने वाले ही कानून होने के बावजूद हेलमेट लगाने की जहमत नहीं उठाते पीछे बैठने वालों को कैसे इसके लिए राजी किया जा सकेगा। यह अपने आप में बड़ा सवाल है और इसी हकीकत से रूबरू कराने के लिए आई नेक्स्ट ने शुक्रवार को शहर के तमाम चौराहों पर फोकस किया। पेश है एक रिपोर्ट-
हर चौराहे पर नियमों का उल्लंघनआई नेक्स्ट ने ट्रैफिक नियमों की जमीनी हकीकत से रूबरू कराने के लिए शुक्रवार को शहर के तमाम चौराहों पर स्टिंग ऑपरेशन किया। हमने पाया कि दोपहिया वाहन चलाने वाले ही हेलमेट नहीं लगा रहे हैं, तो पीछे बैठने वालों का तो सवाल ही पैदा नहीं होता। हमने शहर के कचहरी चौराहा, पुलिस क्लब चौराहा, लक्ष्मी टाकीज चौराहा, ट्रैफिक चौराहा, महाराणा प्रताप चौराहा, लोक सेवा आयोग चौराहा, हिंदू हॉस्टल चौराहा, धोबीघाट आदि व्यस्त चौराहों पर फोकस किया। यह ऐसे चौराहें हैं चौबीस घंटे ट्रैफिक पुलिस मौजूद रहती है फिर भी वाहन चालक धड़ल्ले से बिना हेलमेट निकल जाते हैं। पुलिस भी उनको बेरोकटोक जाने देती है।
पूछने पर बताए बहाने मौके पर आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने दोपहिया वाहन चालकों से बातचीत भी की। हमने जाना कि आखिर लोग क्यों नहीं हेलमेट लगाते जबकि बिना हेलमेट ड्राइव करते पाए जाने पर कठोर कानून भी बनाया गया है। इसके लिए पनिशमेंट भी निर्धारित किया गया है। बार-बार पकड़े जाने पर ड्राइविंग लाइसेंस भी सीज हो सकता है। इतना सब होने के बावजूद बिना हेलमेट ड्राइविंग करने वालों ने कई दिलचस्प बहाने बताए। आदत नही है, कभी हेलमेट लगाया ही नहीं। बगल से निकलने वाले वाहनों का अंदाजा ही नहीं होता। गर्मी बहुत लगती है, हेलमेट लगाने से उलझन होती है घर पर रखा हुआ है, रोजाना निकलते समय भूल जाता हूं।दोस्तों ने बताया कि हेलमेट पहनने से सिर के बाल झड़ने लगते हैं, इसलिए नहीं लगाता।
शहर में लोकल हेलमेट मिलते हैं, ओरिजिनल हेलमेट काफी महंगा है। पैसा होगा खरीदा जाएगा। अरे यार मैं हेलमेट पहनता हूं, बस आज ही नहीं पहना है। मेरा हेलमेट दोस्त मांगकर ले गया है, कल उससे वापस ले लूंगा। सांस लेने में दिक्कत होती है, लगाने की कोशिश की लेकिन मजा नहीं आया। हेलमेट पहनने के फायदे सुरक्षित यात्रा पुलिस परेशान नही करती रोड एक्सीडेंट के वक्त सिर सुरक्षित आंखें सुरक्षित रहती हैं चेहरा धूल से बचा रहता है ले लीजिए सबक, अभी भी है वक्त इलाहाबाद में सड़क दुर्घटनाओं में हर साल हजारों जानें चली जाती हैं। आइए जानते हैें कि वर्ष 2015 में रोड एक्सीडेंट में किस एजगु्रप ने गवाई कितनी प्रतिशत जानें एजग्रुप मरने वाले 18 से 20 वर्ष 13 प्रतिशत 15 से 17 वर्ष 8 प्रतिशत 10 से 14 वर्ष 7 प्रतिशत 6 से 9 वर्ष 6 प्रतिशत 5 साल से कम 6 प्रतिशत65 साल से अधिक 1 प्रतिशत
55 से 64 वर्ष 6 प्रतिशत 45 से 54 वर्ष 9 प्रतिशत 35 से 44 वर्ष 14 प्रतिशत 25 से 34 वर्ष 16 प्रतिशत चालान के बावजूद नहीं सुधरते इलाहाबाद में जनवरी से लेकर जून तक बिना हेलमेट वाहन चलाते पकड़े जाने पर ट्रैफिक विभाग ने 8995 लोगों का चालान किया है। विभागीय अधिकारी बताते हैं कि नियमानुसार पहली बार बिना हेलमेट वाहन चलाते पाए जाने पर सौ, दूसरी बार ढाई रुपए बतौर जुर्माना वसूला जाता है। तीसरी बार कानून का उल्लंघन करते पाए जाने पर ड्राइविंग लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई भी की जा सकती है। - हेलमेट पहनने से कई बार पीछे से आ रहें या फिर बगल से गुजरने वाले नहीं दिख पाते है। जिससे हादसा भी हो जाता है। कई बार हेलमेट जान भी बचाता है। सूरज कुमार हेलमेट पहनने से कई बार रोड एक्सीडेंट होने बावजूद हम बच जाते है। सिर की गंभीर चोट में यह रक्षा करता है। अभिषेकमुझे हेलमेट लगाए काफी साल हो गए पहले लगता था मगर बीच में इसकी आदत छूट गई। फिर से इससे पहनने की आदत डालूंगा।
अमन कुमार हेलमेट हर किसी को पहनना चाहिए इससे हादसे के वक्त हम आप सुरक्षित रहते है। संजीव कुमार दोपहिया वाहनों में पीछे बैठने वालों को हेलमेट पहनने की अनिवार्यता से हादसों में जान गंवाने वालों की संख्या में कमी आएगी। अनिल अभी तक तो दोपहिया वाहन चालकों के खिलाफ बिना हेलमेट ड्राइविंग पर कार्रवाई की जाती थी, नए नियमों के मुताबिक पीछे बैठने वालों को भी नहीं बख्शा जाएगा। निहारिका शर्मा, एसपी ट्रैफिक