कंगना रनौत की अपकमिंग फिल्‍म 'मणिकर्णिका' की शूटिंग जारी है। फिल्‍म में रानी लक्ष्‍मीबाई बनी कंगना का लुक एक हफ्ते पहले लीक हुआ था। जिसे देखकर फैंस काफी एक्‍साइटेड हो गए। वैसे आपको बता दें कि इस फिल्‍म में टीवी एक्‍ट्रेस अंकिता लोखंडे भी नजर आएंगी जो एक महत्‍वूपर्ण किरदार निभा रहीं। जानिए क्‍या है वो....


अंकिता निभाएंगी झलकारी बाई का किरदारटीवी एक्ट्रेस अंकिता लोखंडे काफी समय से छोटे पर्दे से गायब हैं। चर्चा है कि वह कंगना की फिल्म 'मणिकर्णिका' में महत्वपूर्ण रोल निभाती नजर आएंगी। अंकिता फिल्म में झलकारी बाई का रोल प्ले करेंगी। झलकारी बाई को रानी लक्ष्मीबाई का हमशक्ल माना जाता है। अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में लक्ष्मीबाई और झलकारी बाई ने एक-दूसरे का साथ दिया था। लक्ष्मीबाई की वीरता के किस्से तो हम सभी सुनते आए हैं लेकिन फिल्म में झलकारी बाई के साहस की गाथा सुनने और देखने को मिलेगी।कौन थी झलकारी बाई


झलकारी बाई का जन्म 22 नवंबर 1830 को झांसी के नजदीक स्िथत भोजला गांव में एक निर्धन कोली परिवार में हुआ था। झलकारी जब कम उम्र की थीं, तभी उनकी मां की मृत्यु हो गई थी। पिता ने उन्हें लड़कों की तरह पाला। झलकारी ने घुड़सवारी और युद्ध कौशल की ट्रेनिंग ली। झलकारी एक निडर और सहासी महिला थीं, उन्होंने कभी खुद को कमजोर नहीं समझा। यही वजह है कि अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में उन्होंने डटकर मुकाबला किया।रानी लक्ष्मीबाई की थीं हमशक्ल

झलकारी बाई का विवाह झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की सेना के एक सैनिक पूरन कोली से हुआ था। शादी करते ही झलकारी पति पूरन के साथ झांसी आकर रहने लगीं। एक बार गौरी पूजा के अवसर पर झलकारी गाँव की अन्य महिलाओं के साथ महारानी को सम्मान देने झाँसी के किले मे गईं, वहाँ रानी लक्ष्मीबाई उन्हें देख कर अवाक रह गयी क्योंकि झलकारी बिल्कुल रानी लक्ष्मीबाई की तरह दिखतीं थीं। अन्य औरतों से झलकारी की बहादुरी के किस्से सुनकर रानी लक्ष्मीबाई बहुत प्रभावित हुईं। रानी ने झलकारी को दुर्गा सेना में शामिल करने का आदेश दिया और झलकारी रानी की दुर्गा सेना की सेनापति बन गईं।ऐसी है झलकारी बाई की वीरगाथा1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अग्रेंजी सेना से रानी लक्ष्मीबाई के घिर जाने पर झलकारी बाई ने बड़ी सूझबूझ, स्वामीभक्ति और राष्ट्रीयता का परिचय दिया था। रानी के वेश में युद्ध करते हुए वे अपने अंतिम समय अंग्रेजों के हाथों पकड़ी गईं और रानी को किले से भाग निकलने का अवसर मिल गया। हालांकि यह उनका आखिरी युद्ध था। उस युद्ध के दौरान एक गोला झलकारी को भी लगा और 'जय भवानी' कहती हुई वह जमीन पर गिर पड़ी। झलकारी बाई की गाथा आज भी बुंदेलखंड की लोकगाथाओं और लोकगीतों में सुनी जा सकती है।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari