- सिटी के वीआईपी एरियाज में लगीं 700 लाइट्स खराब

- खराब लाइट्स का हर महीने 2 लाख रुपए बिल चुका रहा निगम

- डेढ़ महीने में भी ठीक नहीं हो पाई लाइट्स, निगम पर उठ रहे सवाल

DEHRADUN: शहर के वीआईपी एरियाज में स्ट्रीट लाइट्स खराब हैं और निगम इनका बिल भर रहा है। ये वाकया निगम की कार्यशैली पर सवाल उठाता है। दरअसल ख्0क्क् में एमडीडीए ने शहर के वीवीआईपी एरियाज जैसे विधानसभा, दीपनगर, शास्त्रीनगर, घण्टाघर से लेकर मसूरी डायवर्जन तक स्पेशल स्ट्रीट लाइट्स लगाई थीं। जुलाई ख्0क्7 में इनका जिम्मा नगर निगम को सौंपा गया था। इसके बाद से 70 फीसदी स्ट्रीट लाइट्स खराब बताई जा रही हैं, जबकि नगर निगम द्वारा इनका ख् लाख रुपया प्रतिमाह के हिसाब से बिल पे किया जा रहा है। जाहिर है जनता की कमाई और निगम के राजस्व पर बेवजह चूना लग रहा है।

700 लाइटें हैं खराब

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एमडीडीए द्वारा नगर निगम को हैंडओवर की गईं एक हजार से ज्यादा स्ट्रीट लाइट्स में से 700 लाइट्स खराब हो चुकी हैं। हालांकि, निगम का तर्क है कि टेक्निकल फॉल्ट के कारण लाइट्स नहीं जल रही हैं। बावजूद इसके निगम को हर महीने ख् लाख रुपए इन लाइट्स का बिल चुकता करना पड़ रहा है। निगम का कहना है कि खराब लाइट्स को दुरुस्त करने के लिए सर्वे किया जा रहा है।

अंधरे में सुरक्ष्ा का खतरा

वीआईपी एरियाज में बड़ी संख्या में लाइट्स के खराब होने के कारण रात को सुरक्षा को खतरा बना हुआ है। अंधेरे में हादसों की भी आशंका बनी है। खराब लाइट्स के मुद्दे को लेकर निगम के पार्षद भी निगम के खिलाफ कई बार मोर्चा खोल चुके हैं। इसके बावजूद निगम इन लाइट्स को दुरुस्त नहीं कर रहा।

ठीक क्यों नहीं हो रही लाइट्स

पार्षदों का यह भी कहना है कि नगर निगम के पास इस लाइट्स के संचालन का जिम्मा आए डेढ़ माह से ज्यादा का समय बीत चुका है। अभी तक ये लाइट्स ठीक क्यों नहीं की गईं। ये मामला वीआईपी एरियाज से जुड़ा है तो निगम इसे लेकर संजीदा क्यों नहीं है। सवाल यह भी खड़ा होता है कि एमडीडीए के हैंडओवर करते ही इनती बड़ी संख्या में स्ट्रीट लाइट्स खराब कैसे हो गईं।

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- जब तक एमडीडीए इन लाइट्स की जिम्मेदारी देख रहा था तो तब तक कोई फॉल्ट इनमें नहीं था। निगम को हैंडओवर करते ही ये लाइट्स बंद कैसे हो गईं। निगम की कार्यशैली पर सवाल उठने तो लाजमी हैं ही।

सीताराम नौटियाल, निगम पार्षद

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-एमडीडीए द्वारा ये लाइट्स निगम के सुपुर्द की गई हैं। इन लाइट्स को ठीक करने के लिए निगम द्वारा सर्वे कराया जा रहा है। जल्द ही इन लाइट्स को हटाकर एलईडी बल्लों से एक्सचेंज किया जाएगा। हां, निगम इन लाइट्स के बिलों का भुगतान कर रहा है।

विनय प्रताप, भूमि अधीक्षक, नगर निगम।

Posted By: Inextlive