--नोटरी में हड़ताल, महीने भर से ठप है कामकाज

स्लग: पुराने बार कैंपस से कोर्ट जाने वाले रास्ते को बंद करने का वकील कर रहे विरोध

-एफिडेविट से होने वाला हर काम रांची में है ठप

RANCHI (27 Oct): गाडि़यों के ओनर बुक ट्रांसफर का मामला हो या जमीन को लेकर क्ब्ब् का मामला रांची में करीब फ् अक्टूबर से ठप है। यहां तक कि डीसी, एसडीओ, एसी समेत कई विभागों में न्यायिक कार्य भी नहीं हो पा रहे हैं। दरअसल, एफिडेविट नहीं होने के कारण बहुत सारे काम ठप पड़े हुए हैं, क्योंकि नोटरी पब्लिक के वकीलों ने हड़ताल कर दी है। इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। नगर आयुक्त, डीसी कोर्ट, रजिस्ट्री कोर्ट, एसडीओ, एलआरडीसी सीओ कोर्ट की न्यायिक कार्यवाही में कोई भी वकील भाग नहीं ले रहा है।

क्या है हड़ताल की वजह

वकीलों की हड़ताल महीने भर से एक रोड को लेकर की जा रही है। पुराने बार परिसर से न्यायालय जाने वाले रास्ते को जिला प्रशासन ने बंद कर दिया है, जिसे खोलने की मांग वकील कर रहे हैं। अधिवक्ता पुराने बार भवन के पास से सिविल कोर्ट तक जाने वाली बंद पुरानी सड़क को चालू कराने की मांग कर रहे हैं। इस सड़क को समाहरणालय भवन के निर्माण के दौरान ही बंद किया गया था। अधिवक्ताओं ने कहा कि रास्ते को धोखे से बंद किया गया है। निर्माण कार्य के दौरान प्रशासन की ओर से कहा गया था कि निर्माण कार्य की वजह से मार्ग अवरुद्ध किया गया है, जिसे बाद में खोल दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

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बार काउंसिल ने चेताया-नपेंगे काम करने वाले वकील

झारखंड राज्य बार काउंसिल के सदस्य सह एडवोकेट्स एसोसिएशन हाइकोर्ट के सचिव हेमंत कुमार शिकरवार ने बताया कि जिला प्रशासन ने हमलोगों को अंधेरे में रखकर रोड बंद कर दिया है। जब तक रोड को शुरू नहीं किया जाता है, कार्यपालिका के सभी न्यायालयों का कार्य बहिष्कार अनिश्चितकाल तक चलेगा। कार्यपालिका के न्यायालयों के कार्य वहिष्कार के दौरान यदि किसी भी वकील को काम करते पाया जाएगा, तो उसके खिलाफ यथोचित कार्रवाई करते हुए बार से संबंधित सभी प्रकार की लाभकारी योजनाओं से वंचित कर दिया जाएगा।

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क्888 से था रास्ता, अब बनेगा नगर निगम का भवन

पुराना कचहरी मार्केट कैंपस में नगर निगम भवन प्रस्तावित है। इसी रास्ते का वकील क्888 से उपयोग कर रहे थे। ख्0 फीट के रास्ते को ब्0 फीट करने की बात चल रही थी। लेकिन रास्ते को ही बंद कर दिया गया। प्रशासन का कहना है कि वैसी दुकानों को ध्वस्त किया गया है, जो अतिक्रमण के दायरे में थीं। दुकानदारों और वेंडरों को मौखिक रूप से पूर्व में सूचित कर दिया गया था।

Posted By: Inextlive