नियोजित टीचर बोले - कार्रवाई वापस लें नहीं तो जाएंगे कोर्ट

- दिनभर चलता रहा धरना, प्रदर्शन का दौर

- प्रशासन ने प्रखंड कार्यालय पर स्ट्राइक करने की नहीं दी अनुमति

PATNA :

एक ओर इंटर की कॉपियों का मूल्यांकन कार्य जारी है और दूसरी ओर नियोजित शिक्षक अपनी मांगों को लेकर लगातार स्ट्राइक पर हैं। गुरुवार को नियोजित शिक्षक पूर्व घोषणा के अनुसार प्रखंड कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करने पहुंचे लेकिन जिला प्रशासन ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी। इसके बाद इन्होंने अपनी रणनीति बदलते हुए अलग-अलग स्कूलों में जाकर तालाबंदी कराया और स्ट्राइक के लिए स्कूल के गेट पर ही जमा हो गए।

पटना शहर के प्रमुख स्कूलों को बंद कराने में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के शिक्षकों ने दबाव बनाया। शिक्षकों का आरोप है कि सरकार वार्ता करने या उनके मांगों पर विचार करने के बजाय उनके उपर दंडात्मक कार्रवाई करने पर अड़ा है। लेकिन वे सभी स्ट्राइक से पीछे नहीं हटेंगे। वे अपनी मांगों पूरी नहीं होने तक स्ट्राइक पर रहेंगे और कोर्ट में भी जाएंगे।

गर्दनीबाग में जुटे शिक्षक

जहां एक ओर पूर्व घोषणा के अनुसार सभी नियोजित शिक्षकों ने सपरिवार स्ट्राइक करने की घोषणा की थी, लेकिन प्रशासन के दबाव और जगह नहीं मिलने के कारण केवल गर्दनीबाग के धरना स्थल पर ही ये सभी सपरिवार धरने पर बैठे रहे।

परिवार के सदस्यों का कहना है कि सरकार का नकारात्मक रवैया है। शिक्षण नियमित प्रवृति का कार्य है और सभी नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मियों का दर्जा मिलना चाहिए। हालांकि ऐसे स्कूल भी इसमें शामिल हुए, जो पहली बार बंद कराए गए। इसमें गर्दनीबाग स्थित राजेंद्र प्रसाद सिंह राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सहित प्रमुख स्कूलों के शिक्षक शामिल रहे। स्ट्राइक के समर्थन में हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया।

- कार्रवाई के आधार को चुनौती

जहां एक ओर नियोजित शिक्षकों के मामले में कड़ा रुख अख्तियार कर चुकी है और दंडात्मक कार्यवाई कर रही है तो दूसरी ओर माध्यमिक शिक्षक संघ ने इसका कड़ा विरोध किया है। इस बारे में शिक्षक नेता शिव नारायण पाल ने कार्रवाई के आधार को ही चुनौती देने की बात कही है। उन्होंने बताया कि माध्यमिक शिक्षकों ने 25 फरवरी और प्राथमिक शिक्षकों ने 17 फरवरी से स्ट्राइक पर जाने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि जब सूचना पूर्व में ही दे दी गई थी तो कार्रवाई क्यों होगा? इस मामले को कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। उन्होंने बताया कि किसी भी तरीके से स्ट्राइक को कमजोर नहीं होने दिया जाएगा।

दंडात्मक कार्रवाई से डर नहीं

जानकारी हो कि बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने अनिश्चितकालीन स्ट्राइक पर ही बने रहने का मन बना लिया है। इसके तहत स्कूलों में पूर्ण तालाबंदी और परीक्षा बहिष्कार जारी है। वहीं लगातार हो रही दंडात्मक कार्रवाई के संबंध में माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक ब्रजनंदन शर्मा ने कहा कि इस मामले में कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया जाएगा। वे दंडात्मक कार्रवाई से स्ट्राइक वापस नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि जब पूर्व सूचना देकर गये तो कार्रवाई क्यों होगी।

स्ट्राइक जारी रहेगा

बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के नेता शिव नारायण पाल ने कहा कि शुक्रवार को भी स्ट्राइक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षक संघ अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर विद्यालयों को बंद करा रहे हैं और स्ट्राइक को सफल बनाने में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि हर राज्य में नियोजित शिक्षकों को स्थायी किया जा रहा है। केवल बिहार ही एक अलग उदाहरण है जिसमें नियमित शिक्षकों की बहाली तो दूर, लंबित सेवा शर्त को भी लागू नहीं किया गया है।

--ये भी जानें--

- 40 हजार टीचर स्ट्राइक पर गए

- प्राइमरी, सेकेंडरी से हायर सेकेंडरी सभी स्कूलों के शिक्षक शामिल

- इसमें प्राइमरी स्कूल से 76 हजार जबकि माध्यमिक स्कूल और उच्च माध्यमिक उत्क्रमित मिलाकर 7 हजार स्कूल शामिल

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प्रमुख मांगें

- समान काम, समान वेतन

- लंबित सेवा शर्त लागू करें।

- राज्यकर्मी का दर्जा मिले।

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Posted By: Inextlive