-जहां-तहां ट्रक खड़ी हो जाने से फंस गया व्यापारियों का माल

-हजारों लोग हो गए बेरोजगार, ट्रांसपोर्टर्स को अफवाहों से होशियार रहने की नसीहत

फैक्ट फाइल

150 शहर में कुल ट्रांसपोर्टर्स की संख्या

1200 कुल ट्रकों की संख्या

1000 रोजाना शहरी सीमा से गुजरने वाले वाहन

5000 जिले में कुल पल्लेदारों की संख्या

1200 ड्राइवर व क्लीनर की संख्या

100 से अधिक जिले की सीमा में स्थित ढाबे

150 कुल कमीशन एजेंट

ट्रांसपोर्टर्स की मांग

-डीजल मूल्य में वृद्धि पर रोक लगे और जीएसटी के दायरे में लाया जाए।

-वाहनों को टोल मुक्त किया जाए।

-थर्ड पार्टी प्रीमियम में वार्षिक वृद्धि कम कर दी जाए।

-जीएसटी व ईवे बिल सरलीकरण किया जाए।

-बसों और पर्यटन वाहनों को नेशनल परमिट दिया जाए।

-ट्रांसपोर्टेशन में टीडीएस खत्म किया जाए।

-आरटीओ, पुलिस व सेल टैक्स का उत्पीड़न खत्म किया जाए।

-इलाहाबाद में वाहनों पर लगाई गई 24 घंटे एंट्री हटाई जाए।

ALLAHABAD: विभिन्न मांगों को लेकर ट्रांसपोर्टर्स शुक्रवार को हड़ताल पर चले गए। चक्काजाम से जहां-तहां ट्रकें खड़ी हो गई, जिससे व्यापारियों का माल फंस गया। ट्रक मालिकों की इस हड़ताल से इस बिजनेस से जुड़े हजारों लोग बेरोजगार भी हो गए। उधर, दिनभर ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल खत्म हो जाने की खबरों को अफवाह बताते हुए यूनियन ने ट्रक मालिकों को इससे बचने को कहा है।

फंस गया माल, छाई बेरोजगारी

बहुत से व्यापारियों का माल भी इस चक्काजाम में फंस गया है। इनको उम्मीद थी कि सामान गुरुवार शाम तक पहुंच जाएगा लेकिन किसी कारण से ट्रक जाम या नो एंट्री में फंस गए। ऐसे में माल समय से नहीं पहुंच सका। अब हड़ताल हो जाने के बाद इन व्यापारियों को राहत मिल सकेगी। इसके अलावा ट्रांसपोर्ट के बिजनेस से जुड़े हजारों पल्लेदार, ड्राइवर, क्लीनर, ढाबे मालिक, एजेंट कमीशन आदि को इस आंदोलन से रोजगार छिनने के साथ नुकसान पहुंचेगा।

दो दिन में दिखने लगेगी महंगाई

जानकारों की मानें तो त्योहार का सीजन करीब होने के चलते बड़ी संख्या में कपड़े, ड्राई फ्रूट्स समेत स्कूल ड्रेस व स्टेशनरी का सामान आयात किया जा रहा है। इसके अलावा अनाज, दाल, सब्जी और फल की आवक भी हो रही है। अगर चक्काजाम चलता रहा तो दो दिन के भीतर महंगाई अपना असर दिखाने लगेगी। अभी भी कई व्यापारी हैं जो गोदाम से अपना माल मंगवा नही सके हैं। ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल के आगे वह खुद को बेबस महसूस कर रहे हैं।

वर्जन

हम अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। बीस जुलाई से हमारी अनिश्चितकालीन हड़ताल निश्चित है। हमारी मुख्य मांग टोल को खत्म किए जाने और नो एंट्री हटाने की है। इस हड़ताल से बहुत से लोगों का रोजगार भी छिन जाएगा।

-अनिल कुशवाहा, ट्रांसपोर्टर नेता

ट्रांसपोर्टर्स की मांगे जायज हैं लेकिन इससे नुकसान पब्लिक का होगा। रोजमर्रा इस्तेमाल की चीजों के दाम 48 घंटे बाद बढ़ने लगेंगे। इससे अनचाही महंगाई का जनता को सामना करना पड़ेगा। कई व्यापारियों का माल हड़ताल खत्म होने के बाद पहुंचेगा।

-विजय अरोरा, अध्यक्ष, प्रयाग व्यापार मंडल

Posted By: Inextlive