भारतीय क्रिकेटर स्टुअर्ट बिन्नी ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। बिन्नी काफी वक्त से टीम इंडिया से बाहर थे। हालांकि उनके नाम एक मैच में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी का रिकाॅर्ड है।

नई दिल्ली (पीटीआई)। भारत के हरफनमौला खिलाड़ी स्टुअर्ट बिन्नी ने आखिरकार क्रिकेट को अलविदा कह दिया। बिन्नी लंबे वक्त से टीम इंडिया से बाहर थे और आईपीएल भी नहीं खेल रहे थे। ऐसे में उन्होंने सोमवार को संन्यास का एलान कर दिया। बिन्नी के नाम वनडे में सर्वश्रेष्ठ बाॅलिंग फिगर है। उन्होंने सोमवार को प्रथम श्रेणी और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। 37 वर्षीय बिन्नी ने अपने राज्य कर्नाटक के साथ अपने करियर की शुरुआत की और छह टेस्ट, 14 एकदिवसीय और तीन ट्वेंटी 20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया।

चार रन देकर लिए थे 6 विकेट
बिन्नी ने एक बयान में कहा, "मैं आपको सूचित करना चाहता हूं कि मैंने फर्स्ट क्लाॅस और इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है। इसने मुझे उच्चतम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए बहुत खुशी और गर्व दिया है।" बिन्नी ने बतौर बल्लेबाज ज्यादा रन नहीं बनाए मगर बांग्लादेश के खिलाफ एक मैच में उन्होंने असाधारण गेंदबाजी कर बड़ा रिकाॅर्ड अपने नाम किया। जून 2014 में ढाका में एक वनडे में बिन्नी ने बांग्लादेश के खिलाफ सिर्फ चार रन देकर छह विकेट लिए थे। यह वनडे में अब तक का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन है। उन्होंने अपने हमवतन अनिल कुंबले के रिकॉर्ड को तोड़ा था, जिन्होंने 1993 में वेस्टइंडीज के खिलाफ छह विकेट लिए थे, लेकिन 12 रन दिए थे।

धोनी की कप्तानी में किया था डेब्यू
95 प्रथम श्रेणी मैच खेलने वाले ऑलराउंडर बिन्नी को उस वक्त के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी टीम में लाए थे और उन्हें कुछ टेस्ट मैचों में आजमाया। जुलाई 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ अपने पदार्पण टेस्ट में, बिन्नी ने अपनी दूसरी पारी में 78 रन बनाए और यह उनके छह टेस्ट में इकलौता अर्धशतक रहा। फ्लोरिडा में वेस्टइंडीज के खिलाफ एक टी20 मैच में 31 रन के एक ओवर ने उनके अंतरराष्ट्रीय करियर को लगभग समाप्त कर दिया जहां एविन लुईस ने उन्हें पांच छक्के लगाए थे।

पांड्या के आने से खत्म हुआ करियर
स्टुअर्ट बिन्नी के पिता रोजर बिन्नी भी भारतीय क्रिकेटर रहे हैं। पिता के सलेक्शन कमेटी में होने पर हितों का टकराव हुआ तो रोजर को अपनी चयन समिति का पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। हार्दिक पांड्या के विस्फोटक बल्लेबाजी ऑल राउंडर के रूप में आगमन के साथ, बिन्नी की राष्ट्रीय टीम में वापसी की संभावना कम हो गई और आखिरकार आज इस खिलाड़ी ने संन्यास ले लिया।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari