- सरकारी मेडिकल कॉलेजेज में एमबीबीएस की फीस 8 गुना बढ़ाने पर नीट क्वालिफाइड स्टूडेंट्स ने हाईकोर्ट की ली शरण

- नीट काउंसलिंग कार्यक्रम में प्रथम चरण में वेडनसडे को च्वाइस फिलिंग और लॉकिंग बंद, 5 जुलाई को सीट आवंटन

DEHRADUN: सरकारी मेडिकल कॉलेजेज में एमबीबीएस की फीस 8 गुना बढ़ाने पर नीट क्वालिफाइड स्टूडेंट्स ने अब कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। स्टूडेंट्स का कहना है कि वे बॉन्ड साइन कर सकते हैं, लेकिन 8 गुना फीस नहीं दे सकते हैं। ऐसे में कोर्ट के अलावा उनके पास कोई ऑप्शन नहीं बचा है। शुरुआत 3 स्टूडेंट्स की ओर से की गई है। जिसमें स्टूडेंट्स ने नीट का एग्जाम क्वालिफाई कर चुके स्टूडेंट्स से स्टेट गवर्नमेंट के इस फैसले का विरोध करने की अपील की है। इधर, नीट काउंसिलिंग कार्यक्रम में प्रथम चरण में च्वाइस फिलिंग और लॉकिंग वेडनसडे 3 जुलाई को बंद हो गई है। अब 5 जुलाई को सीट आवंटन होना है। जबकि 12 जुलाई को एडमिशन की लास्ट डेट है।

कोर्ट से राहत की उम्मीद

नीट एग्जाम में 500 से ऊपर मा‌र्क्स स्कोर करने वाले 3 स्टूडेंट्स ने फीस वृद्धि को वापस लेने को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट से अपील की है। इससे पहले दर्जनों स्टूडेंट्स सोशल मीडिया पर भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। सड़क से लेकर सोशल मीडिया पर फीस बढ़ाए जाने को लेकर स्टूडेंट्स में उबाल है। इसकी कंप्लेन स्टूडेंट्स ने सीएमओ से लेकर पीएमओ तक भी की है। स्टूडेंट्स का कहना है कि कोर्ट में अपील करने के अलावा उनके पास कोई दूसरा ऑप्शन नहीं है। ऐसे में 1-2 दिनों में ही कोर्ट से वे राहत की उम्मीद पाले हुए हैं। इधर, निजी मेडिकल कॉलेजों में फीस वृद्धि को लेकर जंग जीत चुके समाजसेवी और बीजेपी नेता रविन्द्र जुगरान ने भी स्वीकार किया कि हाईकोर्ट में अपील करने के अलावा स्टूडेंट्स के पास कोई ऑप्शन नहीं है। रविन्द्र जुगरान ने मेडिकल अभिभावक संघ के संरक्षक के तौर पर पहले ही गवर्नमेंट के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। जुगरान ने राज्यपाल, सीएम और स्वास्थ्य सचिव से गवर्नमेंट कॉलेजों में 8 गुना फीस वृद्धि का विरोध दर्ज कर फीस वृद्धि वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पहले ढाई लाख रुपए में सरकारी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस हो जाता था, लेकिन अब 20 लाख रुपए केवल ट्यूशन फीस ही चुकानी होगी। जो मिडिल क्लास परिवार के लिए आसान नहीं है।

क्या है मामला

राज्य में तीन सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं, इनमें से दो मेडिकल कॉलेज में सरकार ने बॉन्ड की बाध्यता खत्म कर एमबीबीएस की फीस 8 गुना बढ़ा दी। पहले एनुअल फीस 50 हजार रुपए थी, जो बढ़ाकर 4 लाख रुपए कर दी गई है। सिर्फ श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में ही बॉन्ड साइन करने के बाद स्टूडेंट्स को 50 हजार रुपए सालाना फीस पर एडमिशन दिया जाएगा। वहां भी 125 सीटें हैं, जिनमें से 106 सीट पर ही बॉन्ड वाली शर्त पर कम फीस में एडमिशन होगा। जिसका नीट क्वालिफाइड स्टूडेंट्स विरोध कर रहे हैं। स्टूडेंट्स का कहना है कि वे बॉन्ड भरने को तैयार हैं, लेकिन 8 गुना फीस नहीं भर सकते हैं।

Posted By: Inextlive