वाईफाई बंद करने से छात्रों में आक्रोश
- छात्रों ने किया कुलसचिव का घेराव, हंगामा
- वाईफाई बंद होने से छात्रों को हो रही परेशानी Meerut। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के वाईफाई बंद करने के निर्णय को गलत बताया। छात्रों ने कुलसचिव को घेराव कर जमकर हंगामा काटा। वाईफाई को तत्काल शुरू करने की मांग की। वहीं छात्रों को वाईफाई बंद होने खासी परेशानी हो रही है। बाहरी छात्रों पर रोक छात्र नेता विनित चपराणा के नेतृत्व में छात्र कुलसचिव के पास पहुंचे। छात्रों का कहना था कि बाहरी लोगों के प्रवेश को बंद किया जाए। साथ ही छात्राओं की सुरक्षा के लिए कदम उठाए जाएं। वाईफाई पर फॉयरवाल लगाई जाए। विरोध प्रदर्शन करते हुए छात्रों ने वाईफाई पर लगी रोक को हटाने की मांग की।विश्वविद्यालय को चाहिए कि वाईफाई से केवल शिक्षा से संबधी या फिर नौकरी के लिए वेबसाइट खुले बाकी को ब्लॉक कर दिया जाए। वाईफाई होने से छात्रों को बहुत मदद मिलती है।
-अंकित त्यागी, एमए राजनीति विज्ञान वाईफाई बंद होने से काफी परेशानी होगी। इससे पढ़ाई में काफी मदद मिलती है। नौकरी ढूंढना, फार्म भरने में आसानी रहती है। कम से कम ऐसी वेबसाइट को खोल दें और शेष को बंद कर दिया जाए। -अनुभव, एमबीएवाईफाई बंद करने के बजाए विश्वविद्यालय प्रशासन को चाहिए इस पर सख्ती करे। बंद करने से कुछ नहीं होने वाला। सोशल साइट्स को बंद कर देना चाहिए।
-ऋषि गौतम, पीएचडी छात्रों के लिए इंटरनेट बहुत जरूरी हो गया है। इंटरनेट से छात्रों को पढ़ाई में काफी मदद मिलती है। इंटरनेट से समय की भी काफी बचत होती है। विश्वविद्यालय को वाईफाई बंद नहीं करना चाहिए। -मोहित, पीएचडी वाईफाई बंद होने से काफी परेशानी हो रही है। एक फार्म भरना था। घर से इतने पैस नहीं मिलते कि बाहर जाकर इंटरनेट का यूज किया जाए। यहां के वाईफाई को काफी मदद मिल जाती थी। -निवराज कुमार, एमएससी कैमेस्ट्री हर कोई एंड्रायड फोन नहीं खरीद सकता है। यूनिवर्सिटी में बहुत से ऐसे छात्र हैं जो कि इसके सहारे ही अपनी काम चला लेते थे। काफी चीजे किताब में नहीं मिलती हैं। उसके लिए इंटरनेट का सहारा बहुत जरूरी है। मनोज, एमफिल