- डीआईओएस ऑफिस में जेडी के पास पहुंचा सीएम के नाम लिखा लेटर

- लेटर में 11वीं के एक स्टूडेंट ने सीएम से क्रिसमस गिफ्ट में पापा की नौकरी मांगी

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Meerut : सीएम सर, आप हमारे सैंटा क्लॉज हो। प्लीज आप मेरे पापा को मृतक आश्रित सरकारी नौकरी दिलवा दो। वो पिछले पांच सालों से इस नौकरी के लिए चक्कर काट रहे हैं। जी हां इस बार क्रिसमस पर एक स्टूडेंट ने सीएम को अपना सैंटा क्लॉज बताते हुए उनसे क्रिसमस गिफ्ट में अपने पिता के लिए नौकरी मांगी है। शिक्षा विभाग में आए इस लेटर को देखकर बाबू से लेकर अधिकारी तक सभी दंग रह गए।

पांच सालों से भटक रहें है पापा

शिक्षा विभाग में 20 दिसंबर को एक लेटर आया है। जीआईसी मवाना के 11 वीं क्लास के अनुभव ने यह लेटर अपने पापा को नौकरी दिलाने के लिए लिखा है। सीएम को लिखे गए इस लेटर की कॉपी डीआईओएस, जेडी, डीएम और स्कूल प्रिंसिपल को भेजी गई है। सीएम को लिखे इस लेटर में अनुभव ने लिखा है कि उसके दादा जी पांच साल पहले तक जीआईसी मवाना में टीचर की नौकरी कर रहे थे। लेकिन कार्यकाल के बीच में ही उनकी मौत हो चुकी है। उसके पिता श्याम सिंह पिछले पांच सालों से अपने पिताजी यानी उसके दादाजी के मृतक आश्रित हैं। उसके यहां कोई और नौकरी करने वाला नहीं है। उसके पापा पिछले पांच सालों से कार्यालयों व स्कूल के चक्कर लगा रहे हैं।

दे दो पापा की नौकरी

अनुभव ने लेटर के अंदर लिखा है कि अगर इस बार मेरे पापा की नौकरी लग गई तो मैं उसे क्रिसमस का तोहफा समझूंगा। इसलिए मेरे पापा की नौकरी लगवाकर मुझे इस क्रिसमस पर एक अच्छा तोहफा देने की कृपा करो।

भाई के साथ पहुंचा था लेटर लेकर

बताया जा रहा है कि यह लेटर लेकर बीस दिसम्बर को अनुभव अपने छोटे भाई शुभम के साथ डीआईओएस कार्यलय पर पहुंचा था। उसने यह लेटर विभागीय बाबू को थमाया था। अब यह लेटर शिक्षा विभाग की फाइल में पहुंच गया है। लेटर में लिखे शब्दों को देखकर ऐसा लगता है कि उसे सीएम पर बहुत विश्वास है कि वह उसे न्याय दिला देंगे और पापा को नौकरी दिलवा देंगे।

मृतक आश्रित की नौकरी के कई मामले आते है विभाग की कोशिश रहती है उनकी जल्द से जल्द नियमनुसार ज्वाइनिंग भी करवाई जाती है। इस लेटर के संबंध में भी पूरी जानकारी लेकर जल्द से जल्द कुछ न कुछ हल किया जाएगा।

-श्रवण कुमार यादव, डीआईओएस

ऐसा पता लगा है, लेकिन अभी मेरे पास लेटर नहीं पहुंचा है। लेटर मिलते ही उसका पूरा पता लगाया जाएगा। नियमों के अनुसार कोशिश की जाएगी स्टूडेंट के पापा को नौकरी मिल सकें।

-डॉ। महेंद्र देव, जेडी

Posted By: Inextlive