देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लगातार आलोचना करना दलित स्‍टूडेंट्स के एक संगठन अंबेडकर पेरियार स्टूडेंट सर्किल एपीएससी को काफी महंगा पड़ गया है. मोदी सरकार के कामकाज और नीतियों पर लगातार आलोचना की दृष्‍िट से उस पर पर मद्रास आईआईटी ने प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं उस संस्‍था के सदस्‍यों का कहना है कि इस मामले में हमारी एक भी बात नहीं सुनी गई है बस जबरदस्‍ती बैन लगा दिया है.

आईआईटी मद्रास से जवाब मांगा
जानकारी के मुताबिक मद्रास आईआईटी कैंपस में अंबेडकर पेरियार स्टूडेंट सर्किल (एपीएससी) संगठन लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले है. इसके लिए वह दलित छात्रों को एकत्र करके डिस्कशन आदि भी कराता है और छात्रों के बीच पंपलेट आदि भी बांट रहा है. ऐसे में जब इस बात की भनक अधिकारियों तक पहुंची तो इस पर एक्शन लेने का प्लान बना. सबसे ज्यादा मामले में तेजी तब आ गई जब  मानव संसाधन मंत्रालय ने इस मामले में जवाब मांगा. 15 मई को केंद्र सरकार के अंडरसेक्ररेटरी प्रिस्का मैथ्यू ने इस पर पत्र भेजते हुए आईआईटी मद्रास से इस पर जवाब मांगा.केंद्र सरकार के अंडरसेक्ररेटरी का पत्र पहुंचने के बाद तो जैसे आईआईटी प्रशासन में हड़कंप मच गया.

दक्षिणपंथी लोगों का हाथ शामिल
इसके बाद ही बाद आईआईटी डीन (स्टूडेंट्स) शिवकुमार एम श्रीनिवासन ने  24 मई को  को दलित स्टूडेंट्स संगठन (एपीएससी) के को-आर्डिनेटर्स को ये गतिविधियां रोकने को कहा. इतना ही नहीं इसके लिए उन्होंने को-आर्डिनेटर्स मेल भी भेजी. इसके बाद भी उस अंबेडकर पेरियार स्टूडेंट सर्किल (एपीएससी)संगठन की गतिविधियां रुकने का नाम नही ले रही थी. इसके बाद ही अब आईआईटी मद्रास ने इसके डिस्कशन आदि पर बैन लगा दिया है. सूत्रों की माने तो इस संगठन के पीछे दक्षिणपंथी लोगों का हाथ शामिल है जो कि आईआईटी स्टूडेंट को सरकार के खिलाफ बहकाने का काम कर रहे हैं. वही इस दलित संगठन के सदस्यों का कहना है कि आईआईटी प्रशासन ने बिना हमारी बात सुने हमारे संगठन बैन लगा दिया है जो कि कहीं से भी जायज नहीं है.

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Posted By: Shweta Mishra