Bareilly : स्टूडेंट्स लीडर्स की पॉलीटिक्स का अखाड़ा बन चुके बरेली कॉलेज की स्पोट्र्स एक्टिविटीज भी इनके वर्चस्व की भेंट चढ़ती जा रही है. वेडनसडे से शुरू हुए इंटर फैकल्टी गेम्स के पहले दिन Žलैक लिस्टेड और रस्टिकेट हो चुके स्टूडेंट्स लीडर्स ने क्रिकेट की पिच पर अपनी घटिया राजनीति की बैटिंग का मुजाहिरा पेश किया. टीम में शामिल होने के लिए एक तरफ अराजकता के लिए अपनी पहचान बना चुके स्टूडेंट्स लीडर्स होड़ में दिखे तो दूसरी तरफ अपने चहेतों को खिलाने के लिए भी वे मैदान में डटे रहे. टीम कैसे बनी और किसने बनाई इसकी क्राइटीरिया किसी को नहीं पता. जब प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने उन्हें टीम से बाहर करना चाहा तो वे मैदान पर ही भिड़ गए. सिचुएशन की गंभीरता को भांपते हुए चीफ प्रॉक्टर को पुलिस और प्रशासन के आलाधिकारियों से उन्हें कॉलेज से बाहर का रास्ता दिखाने की गुहार लगानी पड़ी.


बाहर किए जाने पर भिड़ेचीफ प्रॉक्टर डॉ। जोगा सिंह ने जब इनको टीम से बाहर करते हुए कॉलेज से बाहर जाने को कहा तो ग्राउंड पर ही ये स्टूडेंट्स भिड़ गए। दो पक्ष एक दूसरे के स्टूडेंट्स को पहले बाहर किए जाने को लेकर हंगामा करने लगे। वे बिना मैच खेले जाने को तैयार नहीं थे। कुछ तो टीम में शामिल थे तो कुछ Žलैक लिस्टेड स्टूडेंट्स अपने मनचाहों के मनोबल को बढ़ाने के लिए मैदान में डटे रहे। माहौल ना बिगड़े इसलिए चीफ प्रॉक्टर ने उन्हें खेलने का एक मौका दिया और खुद लास्ट तक रुके रहे।कैसे बनी टीम किसी को नहीं पता


टीम कब और कैसे बनी यह किसी को नहीं पता। टीम में Žलैक लिस्टेड स्टूडेंट्स तो शामिल हैं ही साथ ही उनके प्रपोज्ड नाम वाले स्टूडेंट्स भी शामिल हैं। इसके अलावा टीम में बाकी प्लेयर्स के रूप में सिर्फ स्टूडेंट्स लीडर्स ही खेल रहे हैं। प्लेयर्स का नामो निशान ही नहीं है। सेलेक्शन प्रोसेस का क्राइटीरिया पूछे जाने पर हर कोई अपना पीछा छुड़ा रहा है। स्पोट्र्स ऑफिसर डॉ। सीरिया एसएम ने बताया कि जो फैकल्टी इंचार्ज से टीम की लिस्ट मिली है उन्हें ही खिलाया जा रहा है। जबकि सभी फैकल्टी इंचार्ज का कहना है कि टीम की लिस्ट स्टूडेंट्स की तरफ से मिली थी जिसे उन्होंने साइन कर स्पोट्र्स ऑफिसर के पास भिजवा दिया। इससे एक बात तो साफ हो गई कि टीम बिना सेलेक्शन प्रोसेस के तैयार की गई है और उसमें स्टूडेंट्स पॉलीटिक्स के वर्चस्व की छाप है। उन्हीं के बंदों को शामिल किया गया है।सेलेक्शन प्रोसेस पर भी हंगामामैच शुरू होने पर टीम के सेलेक्शन प्रोसेस को लेकर भी हंगामा हुआ। विपिन सिंह थापा और अन्य स्पोट्र्स स्टूडेंट्स ने टीम लिस्ट पर आपत्ति जताते हुए स्पोट्र्स ऑफिसर डॉ। एसएम सीरिया से विरोध भी जताया। उन्होंने इसमें दखल करने से मना कर दिया। दोनों के बीच काफी तीखी नोंकझोंक हुई। विपिन ने बताया कि ट्रायल के बाद टीम तैयार कराई गई होती तो सही मायने में बेहतर गेम्स खेलने वाले स्टूडेंट्स का सेलेक्शन होता। लेकिन इसमें प्लेयर्स नहीं स्टूडेंट्स लीडर्स शामिल हो गए हैं।प्ले ग्राउंड पर दिखा टशन

बीसीबी के मेन प्ले ग्राउंड में वेडनसडे से इंटर फैकल्टी गेम्स स्टार्ट हुए। आट्र्स, साइंस, कॉमर्स, लॉ, बीबीए, बीसीए और हॉस्टल स्टूडेंट्स की टीमों के बीच क्रिकेट, वॉलीबॉल, चेस, बैडमिंटन और फुटबॉल के इवेंट्स होने हैं। वेडनसडे को आट्र्स व हॉस्टल और बीबीए व बीसीए के बीच क्रिकेट मैच हुए। मैच के लिए तैयार की गई टीम में Žलैक लिस्टेड और रस्टिकेट हो चुके स्टूडेंट्स भी शामिल थे। इनको 8 नवम्बर को हुए कॉलेज में आगजनी और पथराव में शामिल होने की वजह से Žलैक लिस्ट कर कॉलेज में इंट्री करने पर बैन लगा दिया गया था। इन पर गंभीर धाराओं में बारादारी थाने में एफआईआर भी दर्ज है।एप्लीकेशन से मांगी परमीशनलैक लिस्टेड और रस्टिकेट स्टूडेंट्स का खुलेआम कॉलेज में घूमने की वजह से कॉलेज की व्यवस्था खराब हो रही है। इंटर फैकल्टी गेम्स में इनकी सीधी दखल को देखते हुए चीफ प्रॉक्टर डॉ। जोगा सिंह ने पुलिस और एडमिनिस्ट्रिेशन के आलाधिकारियों से हस्तक्षेप कर एक्शन लेने की गुहार लगाई है। उन्होंने डीएम, एसएसपी, एसपी सिटी सभी पुलिस व डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन के बड़े अधिकारियों को एप्लीकेशन लिखकर 8 नवंबर को कॉलेज में हुए उपद्रव में शामिल सभी 18 स्टूडेंट्स को कॉलेज से बाहर करने की परमीशन मांगी है। उन्होंने सभी स्टूडेंट्स के नाम व एड्रेस भी सौंपे हैं।'मुझे टीम की लिस्ट फैकल्टी से मिली है। इनमें कौन Žलैक लिस्टेड हैं, यह मुझे नहीं मालूम। मुझे प्रॉक्टोरियल बोर्ड की तरफ से ऐसे स्टूडेंट्स की लिस्ट नहीं मिली.' - डॉ। सीरिया एसएम, स्पोट्र्स ऑफिसर, बीसीबी

'लैक लिस्टेड और रस्टिकेट स्टूडेंट्स को कानूनी रूप से कॉलेज में इंट्री करने पर रोक लगाने के लिए डिस्ट्रिक्ट और पुलिस के आलाधिकारियों को लिख दिया गया है। इस दौरान इन्हें खदेड़ा भी गया.' - डॉ। जोगा सिंह, चीफ प्रॉक्टर, बीसीबी

Posted By: Inextlive