- रोजमर्रा की चीजें न मिलने से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स को हो रही परेशानी

- मई में है मेडिकल और इंजीनियरिंग के एग्जाम

LUCKNOW: कोरोना वायरस के कारण शहर को पूरी तरह से लॉक डाउन कर दिया गया है। ऐसे में शहर के विभिन्न इलाके के हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स को रोजमर्रा की चीजों के लिए काफी परेशानी हो रही है। इसकी वजह से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। यह स्टूडेंट्स हॉस्टल में रहकर मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे हैं। स्टूडेंट्स लॉकडाउन की वजह से अपने शहर भी नहीं जा सकते हैं। हालांकि जिला प्रशासन ने पहले ही हॉस्टल के स्टूडेंट्स को घर चले जाने का आदेश दिया था।

मई में होने हैं एग्जाम

स्टूडेंट्स ने बताया कि जियामऊ और नरही के ज्यादात्तर हॉस्टल में इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी करने वाले छात्र की किराये पर रहते हैं। नीट का एग्जाम पांच मई को है जबकि जेईई मेंस व एडवासं के एग्जाम भी करीब हैं। इन एग्जाम में शामिल होने के लिए करीब एक माह का समय ही शेष बचा है। स्टूडेंट्स का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से रोजमर्रा की चीजों के मिलने में काफी परेशानी हो रही है। इसके लिए उन्हे काफी भटकना पड़ रहा है। इसकी वजह से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। उनका कहना है कि यदि वह घर चले जाएंगे तो ऑनलाइन क्लास और मॉक टेस्ट सीरिज में शामिल होने से वंचित रह जाएंगे। अगर वह किसी तरह घर चले भी जाते हैं तो उन्हे पेपर देने के लिए दोबारा आना होगा। ऐसे में उनका काफी समय बर्बाद होगा।

कोट

लॉक डाउन होने से काफी दिक्कतें होने लगी हैं। रोजमर्रा की चीजें आसानी से नहीं मिल पर रही है। परीक्षा सिर पर है ऐसे में यहां खाने की दिक्कत होने से समस्या और भी बढ़ गई है।

- मोहित कुमार यादव

दूध, सब्जी और दूसरी जरूरी चीजें आसानी से नहीं मिल पा रही हैं। ऐसे में हम अपनी तैयारी पर फोकस करें या फिर खाने के इंतजाम में जुटे कुछ समझ नहीं आ रहा है।

- अखिलेश कुमार पांडेय

सबसे बड़ी समस्या तो महीने के राशन की आ खड़ी हुई है। मेरा पूरा राशन घर से आता है। होली के बाद आने वाला था, लेकिन रोक के कारण नहीं आ सका है। ऐसे में अब मेस में खाना शुरू किया है वह भी कितने दिन मिलेगा यह भी पता नहीं।

। मुकेश कुमार वर्मा

सबसे बड़ी समस्या गैस भरवाने की हो गई है। हम स्टूडेंट छोटा गैस सिलेंडर रखते हैं। उसे पास की दुकान से भरवाते हैं। वह भी मिलना बंद हो गया है। दोस्त के यहां जाकर खाना खा रहा हूं।

- सर्वेश कुमार दुबेए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी

मई के पहले सप्ताह में मेरा मेडिकल का पेपर है। यह समय रीविजन करने का है, लेकिन यहां तो समस्या ही दूसरी खड़ी हो गई है। अब तैयारी से ज्यादा खाने की चिंता है। अगर यही स्थिति रही तो हमें सब कुछ छोड़कर घर जाना पड़ेगा।

। राजेश कुमार वर्मा

Posted By: Inextlive