-प्रयागराज के मम्फोर्डगंज के राधा कृष्ण पार्क में हर रोज चटाई पर लग रही क्लास.

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PRAYAGRAJ: ड्रॉप आउट बच्चों को शिक्षा देने का भरसक प्रयास प्रदेश सरकार कर रही है. बावजूद इसके गरीब और पिछड़े तबके के बहुत से ऐसे बच्चे हैं जो स्कूल की चौखट तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. ऐसे में प्रयागराज में छात्रों और प्रतियोगियों के ग्रुप ने आर्थिक रूप से कमजोर मलिन बस्ती में रहने वाले परिवारों के बच्चों को शिक्षा देने की पहल की है. इन बच्चों की क्लास हर रोज मम्फोर्डगंज स्थित राधा कृष्ण पार्क में लग रही है.

कैंसर से पिता की मौत, उनके बच्चे भी ले रहे शिक्षा
छात्रों और प्रतियोगियों की इस टीम में ईश्वर शरण पीजी कॉलेज में बीए थर्ड ईयर के छात्र अभिनव शर्मा, ईश्वर शरण में बीए पार्ट वन के अभिषेक यादव, इविवि में बीए थर्ड ईयर के पंकज वर्मा, एमए प्रथम वर्ष की सागरिका बिसेन, इविवि में एमए की हर्षिता तिवारी, छात्र सत्यम तिवारी तथा प्रतियोगी नरेन्द्र तिवारी एवं अनुज शर्मा शामिल हैं. अभी यह टीम कक्षा 01 से 08 तक के करीब 30 बच्चों को प्रशिक्षित करने का काम कर रही है. इनमें ज्यादातर मजदूर परिवारों के बच्चे शामिल हैं. अभिनव शर्मा बताते हैं कि आबकारी चौराहे पर एक महिला चाय की दुकान चलाती है. उसके पति की कैंसर से मौत हो चुकी है. उसके तीन बच्चे उज्जवल, आयुष और सगुन को भी वे पढ़ाने का काम कर रहे हैं.

पढ़ाई के बाद बच्चों को रोज राष्ट्रगान करवाया जाता है. हम विशेष अवसरों पर या उनके जन्मदिन को मिलकर सेलिब्रेट करते हैं. इससे उन्हें काफी खुशी मिलती है.
-अभिषेक यादव

शुरू में जब हमने बच्चों को पढ़ाना शुरु किया तो उन्हें नहीं पता था कि उठने-बैठने, बोलने और कपड़े पहनने का क्या तरीका होता है? लेकिन अब बच्चों ने प्रशिक्षण के बाद सलीका सीख लिया है.
-पंकज वर्मा

हम बच्चों को कॉपी, किताब, पेंसिल, नाश्ता जैसी चीजें अपनी पॉकेट मनी से दे रहे हैं. हमारा उद्देश्य है कि बच्चों को इतना सिखा दिया जाए, जिससे वे शिक्षा की मुख्य धारा से जुड़ सकें.
- अभिनव शर्मा

हमने पढ़ाना शुरू किया तो पहले सोचा नहीं था कि इतना अच्छा रिस्पांस मिलेगा. लेकिन रोजाना पार्क में आकर पढ़ रहे बच्चों को देखकर अब मोहल्ले के लोग भी सपोर्ट कर रहे हैं.
- सत्यम तिवारी

इन गरीब बच्चों के पास इतना संसाधन नहीं है कि वे स्कूल में जाकर शिक्षा हासिल कर सकें. ऐसे में हमने उन्हें शिक्षित करने का फैसला किया. बच्चों का प्रयास भी सराहनीय है.
- नरेन्द्र तिवारी

हम खुद भी छात्र हैं और हमें खुद भी तमाम तरह के खर्च की जरूरत होती है. फिर भी लगा कि इस मुहिम में सहयोग देना चाहिए. बच्चों को आगे बढ़ता देखकर अच्छा लग रहा है.
- अनुज शर्मा

हम हर रोज शाम को 04 से 05:30 बजे के बीच क्लास चलवा रहे हैं. इसमें आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चे शामिल हो सकते हैं. हमारा पूरा फोकस मलिन बस्ती के बच्चों को शिक्षित करने पर है.
- हर्षिता तिवारी

Posted By: Vijay Pandey