RANCHI:पहले मजदूर, फिर स्टूडेंट्स। पहली मई को मजदूर दिवस के मौके पर तेलंगना से 1176 प्रवासी मजदूर झारखंड पहुंचे, तो 2 मई को राजस्थान के कोटा से 960 स्टूडेंट्स स्पेशल ट्रेन से झारखंड पहुंच गए। उत्तर प्रदेश सरकार ने जब से अपने स्टूडेंट्स को विशेष बसों के जरिए कोटा से यूपी मंगवाया था, तब से झारखंड सरकार पर दबाव बढ़ गया था कि वह भी किसी प्रकार अपने स्टूडेंट्स को वापस बुलाए। इसे रेल मंत्रालय की मदद से सरकार ने पूरा किया, जिसके बाद करीब हजार स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स ने राहत की सांस ली। शनिवार को हटिया स्टेशन स्टेशन में शाम करीब सात बजे कोटा से स्पेशल ट्रेन पहुंची, तो उसमें सवार स्टूडेंट्स के चेहरे पर मुस्कान थी और मन में घर पहुंचने का सुकून भी था। इस दौरान सरकार ने सुरक्षा के लिहाज से बच्चों को पैरेंट्स को स्टेशन आने से मना कर दिया था। यही वजह थी कि पैरेंट्स वहां नहीं पहुंचे थे।

आधी रात घर पहुंचे लेबर्स

तेलंगाना से चली स्पेशल ट्रेन शुक्रवार की रात 11.10 में हटिया पहुंची। इसमें 1176 प्रवासी मजदूर सवार थे। यह ट्रेन शुक्रवार की सुबह 4.30 बजे लिंगमपल्ली स्टेशन से चली थी। देर रात हटिया स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर पहुंचते ही यात्रियों के चेहरे खिल उठे। लंबे समय से लॉक डाउन के कारण फंसे मजदूरों को यकीन था कि उन्हें सरकार वापस ले जाएगी। सपना हकीकत में बदला तो उन्होंने सुकून मिला। प्लेटफॉर्म पर पहले से खड़े आरपीएफ और पुलिस बल के जवानों ने बारी-बारी से बोगियों से यात्रियों को उतारकर स्टेशन से बाहर भेजा। इस दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए प्लेटफॉर्म पर बने रेड सर्किल पर सभी लेबर्स को लाइन में खड़ा कर उन्हें बाहर भेजा गया। स्टेशन के बाहर खड़े 56 बसों से विभिन्न जिलों के लिए रवाना किया गया। इसमें गढ़वा के 429, पलामू 260, लातेहार 59, चतरा 36, हजारीबाग व के रामगढ़ 52, कोडरमा 2, बोकारो 100, देवघर 22, गिरिडीह 11, दुमका 19, पाकुड़ 6, जामताड़ा 21, रांची 10, पूर्वी व पश्चिमी सिंहभूम 21 सहित उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और बिहार के भी कुछ मजदूर आए थे।

फूलों से किया गया स्वागत

शुक्रवार को तेलंगना से और शनिवार को कोटा से आने वाले सभी लेबर्स और स्टूडेंट्स का हटिया स्टेशन पर झारखंड सरकार के अधिकारियों और पुलिसकर्मियों ने फूलों से स्वागत किया। उन्हें खाने का पैकेट भी दिया गया। शनिवार को कोटा से आए स्टूडेंट्स को पानी और कोल्ड ड्रिंक भी दिया गया। मौके पर स्टेशन में कांग्रेस के कई बड़े नेता मौजूद थे। विधायक राजेश कच्छप और वरिष्ठ नेता डॉ राजेश गुप्ता ने उन्हें रिसीव किया।

एचईसी पारस हॉस्पिटल ले जाया गया

कोटा से लौटे सभी 960 स्टूडेंट्स को एचईसी पारस हॉस्पिटल ले जाया गया। वहां उनकी जांच हुई, जिसके बाद सरकार की ओर से मंगाई गई गाडि़यों से उन्हें उनके जिले में भेजा गया। इधर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बच्चों की घर वापसी पर उनका स्वागत करते हुए कहा कि छात्रों और अभिभावकों को परेशान होने की जरूरत नहीं। रांची के बच्चों की अस्पताल में स्क्त्रीनिंग होगी। स्क्त्रीनिंग के बाद बसों के जरिए बच्चे घर जाएंगे। अगर संक्त्रमण का कोई लक्षण नजर आता है तो फिर इसके लिए अलग प्रक्त्रिया होगी।

सीएम ने लिया जायजा

शुक्रवार की रात आठ बजे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तेलंगाना से आ रहे प्रवासी मजदूरों के लिए किए गए इंतजामों को परखा। वे करीब एक घंटे तक स्टेशन कैंपस में रहे। हटिया रेलवे स्टेशन पर मौजूद वरीय पदाधिकारियों से मुख्यमंत्री ने व्यवस्था का जायजा लिया। मौके पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, रेलवे के अधिकारी, उपायुक्त राय महिमापत रे और एसपी अनीश गुप्ता सहित अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे।

मजदूरों की थर्मल स्कैनिंग

पूरी सुरक्षा और एहतियात के साथ सभी मजदूरों की बारी-बारी से थर्मल स्कैनिंग की गई। थर्मल स्कैनर से चिकित्सा कर्मियों ने सभी मजदूरों का बॉडी टेंपरेचर मापा। साथ ही हर यात्री का गुलाब फूल से स्वागत किया गया। इसके बाद बसों में फूड पैकेट की व्यवस्था की गई थी। प्रत्येक बसों में सिर्फ 25 यात्रियों को ही बैठने की अनुमति थी।

होम क्वारंटीन में रहेंगे सभी

दूसरे राज्यों से झारखंड लौट रहे प्रवासी मजदूर, छात्र एवं अन्य लोग 14 दिनों तक होम क्वारंटीइन में रहेंगे। दूसरे राज्यों से वापस लौटने के बाद उनकी स्क्त्रीनिंग होगी। इसमें स्वस्थ पाए जाने पर उन्हें होम क्वारंटीन में रहने की छूट दी जाएगी। जिन मजदूरों एवं छात्रों में कोरोना के लक्षण मिलेंगे उन्हें ही क्वारंटीन सेंटरों में रखा जाएगा।

सीएम का वर्जन

लॉकडाउन में फंसे करीब एक हजार युवा झारखण्ड पहुंच चुके हैं। मैं सभी बच्चों के अभिभावकों से कहना चाहता हूं कि आपके नौनिहालों के बेहतर स्वास्थ्य की जिम्मेवारी सरकार की है। प्रशासन सही सलामत बच्चों को उनके घर तक पहुंचाएगा। विभिन्न जिलों के छात्र बस के माध्यम से अपने अपने घर को जाएंगे।

-हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री, झारखंड

Posted By: Inextlive