-समाज कल्याण निदेशालय ने 18 मार्च को बंद की वेबसाइट

-13 हजार मिसमैच डाटा, 20 हजार के नहीं भर पाए फार्म

आई एक्सक्लूसिव

मेरठ: समाज कल्याण निदेशालय की ओर से वेबसाइट बंद कर देने से मेरठ के करीब 34 हजार छात्र छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति से वंचित रह जाएंगे। कॉलेज संचालकों और छात्रों ने समाज कल्याण विभाग को घेरना शुरू कर दिया है तो वहीं विभाग शासन का नाम लेकर पल्ला झाड़ रहा है।

बंद हो गई वेबसाइट

समाज कल्याण निदेशालय (लखनऊ) द्वारा गत 18 मार्च को वेबसाइट को बंद कर दिया गया। स्कॉलरशिप को लेकर कॉलेज ऑनलाइन डेटा निदेशालय को भेजते हैं। इसके बाद निदेशालय जनपद स्तर पर छात्रों की स्क्रूटनी कर उनकी पात्रता का परीक्षण करता है।

सेटिंग-गेटिंग का खामियाजा

गौरतलब है कि जनवरी 2017 में निदेशालय ने डाटा एंट्री के लिए वेबसाइट को खोला था। लेकिन निदेशालय द्वारा फारवर्ड डाटा की पुष्टि के बजाय तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी मो। मुश्ताक कई कॉलेजों के साथ सेटिंग-गेटिंग में लगे रहे। जिससे हजारों छात्र लाभ से वंचित रह गए।

इन छात्रों को नहीं मिलेगा लाभ

वेबसाइड पर अपलोड 13 हजार छात्रों के डाटा को सस्पेक्टेड करार देते हुए निदेशालय ने मिसमैच कर दिया था। विभाग को दोबारा डाटा करेक्ट कर भेजना था। लेकिन 900 छात्रों का डाटा वेबसाइट से गायब है और करीब 20 हजार ऐसे छात्र हैं जिनका या तो डाटा अपलोड नहीं हो पाया या उनकी पात्रता की पुष्टि नहीं हो सकी है।

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13 हजार मिसमैच छात्रों के अलावा अन्य का डाटा अपलोड होना था। निदेशालय ने वेबसाइट को बंद कर दिया है। शासन स्तर से फैसला होने पर राहत की उम्मीद है।

-उमेश द्विवेदी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, मेरठ

सत्र 2016-17

40,000-छात्र निदेशालय की वेबसाइट पर अपलोड कुल छात्र

27,000-पात्र छात्र

13,000-मिसमैच डाटा

900-अबसेंट छात्र

Posted By: Inextlive