Agra: प्लीज पापा जल्दी करिए...मैं लेट हो जाऊंगा..कार निकालिए..मम्मा आई एम गेटिंग लेट..प्लीज जल्दी करिए...अरे कार पंक्चर हो गई कोई बात नहीं ऑटो में चलो....यह वो डॉयलॉग्स हैैं जो संडे मॉर्निंग कई घरों में सुनाई दिए. बाइकाथन में आने के लिए बच्चों ने सुबह से ही अपने घरों में पेरेंट्स के नाक में दम कर रखा था. जिनके घर स्टेडियम से दूर थे वे अपने पेरेंट्स के साथ बाइक पर कार में या ऑटो में भी अपनी साइकिल्स लेकर पहुंचे.

कार की बैक सीट पर साइकिल
कई बच्चे ऐसे भी थे जो अपने पेरेंट्स के साथ कार की बैक सीट पर अपनी साइकिल्स रखकर स्टेडियम पहुंचे। सुबह पांच बजे जब सूरज ने भी दस्तक नहीं दी थी, बच्चे अपने पेरेंट्स को लेकर स्टेडियम पहुंच चुके थे। बच्चों के क्रेजीनेस को समझ कर उनके पेरेंट्स भी बच्चों के साथ पूरा बच्चा ही बने हुए थे। वे भी अपने बच्चों का साथ देने के लिए उनके साथ स्टेडियम पहुंचे।

बाइक पर पापा साथ आए

संडे मॉर्निंग एमजी रोड पर ऐसे कई नजारे देखने को मिले, जिसमें बच्चे अपने पापा के साथ बाइक पर आए थे। बच्चों ने अपनी साइकिल्स को बीच में रख लिया था। स्टेडियम पहुंचते ही उन्होंने साइकिल्स उतारी और बाइकाथन के लिए तैयार हो गए.

ऑटो से भी पहुंचे बच्चे
जिन बच्चों के पेरेंट्स उन्हें बाइक या कार पर नहीं ला पाए वे बच्चों की साइकिल्स को ऑटो में लेकर आए। ऑटो की रूफ पर भी साइकिल बांध कर बच्चे पहुंचे।

Posted By: Inextlive