भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने ऐलान किया है कि स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती 23 जनवरी को हर साल पराक्रम दिवस के रूप में मनाई जाएगी। केंद्र के इस फैसले पर सुभास चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस ने खुशी व्यक्त की और सरकार को धन्यवाद दिया।


कोलकाता (एएनआई)। केंद्र सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन 23 जनवरी को 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया। इस संबंध में सुभास चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस ने मंगलवार को कहा कि नेताजी ने सभी समुदायों के लोगों को एकजुट करने में मदद की। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए चंद्र कुमार बोस ने कहा, सुभाष चंद्र बोस ने सभी समुदायों को एकजुट किया और 'आजाद हिंद फौज' का गठन किया। हम सभी को समावेशी राजनीति के सुभाष चंद्र बोस की विचारधारा का पालन करना चाहिए। यदि हम उनके विचारों का पालन करते हैं, तो देश विघटन से बच जाएगा।

पहले से ही 23 जनवरी को 'देशप्रेम दिवस' के रूप में मनाते रहे
केंद्र सरकार द्वारा 'पराक्रम दिवस' की गई घोषणा का स्वागत करते हुए, उन्होंने कहा कि भारत के लोग पहले से ही 23 जनवरी को 'देशप्रेम दिवस' के रूप में मनाते रहे हैं। अब यह और अच्छा हो गया है। नेताजी भारत के मुक्तिदाता थे। 23 जनवरी, 1897 को ओडिशा के कटक में वकील जानकीनाथ बोस के घर जन्मे नेताजी ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 18 अगस्त, 1945 को ताइपे में एक विमान दुर्घटना में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत पर विवाद पैदा हो गया था। लंबे समय के बाद केंद्र सरकार ने 2017 में एक आरटीआई में पुष्टि की थी कि इस घटना में नेताजी की मृत्यु हो गई थी।

Posted By: Shweta Mishra