Subhash Chandra Bose Jayanti 2020: प्रेसिडेंट ने किया नमन, पीएम ने वीडियो ट्वीट कर नेता जी को किया याद
कानपुर। Subhash Chandra Bose Jayanti 2020 राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई राजनेताओं ने गुरुवार को नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति रामनाथ काेविंद ने उन्हें याद करते हुए ट्वीट किया कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर उन्हें मेरा नमन। वे हमारे सबसे लोकप्रिय राष्ट्रनायकों और स्वतंत्रता संग्राम के महानतम सेनानियों में से हैं। उनके कहने पर, लाखों भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े और अपना सब कुछ बलिदान किया। उनकी वीरता और देशभक्ति हमें प्रेरणा देती रहेगी।
Tributes to Netaji Subhas Chandra Bose on his birth anniversary. He remains one of our most beloved national heroes and an icon of India's freedom struggle. At his word, millions of Indians joined the freedom movement and gave their all. His courage and patriotism inspire us.— President of India (@rashtrapatibhvn)
भारत नेता जी की बहादुरी का आभारी रहेगा
ओडिशा के कटक जिले में 23 जनवरी, 1897 को जन्में नेता जी सुभाष चंद्र बोस को देश के प्रधानमंत्री ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने इस विशेष दिन पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस को याद करते हुए एक स्पेशल ट्वीट किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने लिखा भारत उपनिवेशवाद का विरोध करने में नेता जी सुभाष चंद्र बोस की बहादुरी और उनके अमिट योगदान के लिए हमेशा उनका आभारी रहेगा। नेता जी सुभाष चंद्र बोस अपने साथी भारतीयों की प्रगति और भलाई के लिए डटकर खड़े रहे। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके साथ ही ट्विटर पर एक वीडियो भी शेयर किया।
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान
देश आजादी के नायकों में से एक नेताजी सुभाष चंद्र बोस का भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अभिन्न योगदान है। उनका जन्म 23 जनवरी, 1897 को उड़ीसा के कटक शहर में हुआ था। उनके पिता जानकीनाथ बोस उस समय में कटक के चर्चित वकील थे। आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने से उन्हें 11 बार जेल की सजा हुई लेकिन हौसले नहीं डगमगाए। सेकेंड वर्ल्ड वॉर के समय देश के बाहर जाकर उन्होंने आजाद हिंद फौज की कमान संभाली और भारत को ब्रिटिश हुकूमत से आजादी दिलवाने का बीड़ा उठाया। देशवासी आज भी उनके योगदान को याद करते व ऐसे वीरों के प्रति नतमस्तक हैं।