वुमेन सेफ्टी को लेकर उठ रही आवाजों के बीच अक्सर ये बात दिमाग को क्लिक करती है कि हर वक्त महिलाओं को कैसे प्रोटेक्टिव रखा जा सकता है। काश कोई ऐसा प्रोटेक्शन हो जो 24 घंटे आपके साथ हो और मुश्किल वक्त में जादू की तरह आपको गार्ड भी करे। इसी सोच के साथ कोच्चि में न्योकास टेक्नोलॉजी ने बनाई ये खास प्रोटेक्टिव जैकेट। क्या काम करती है ये जानें।


कानपुर (फीचर डेसक)। आज हमारी लाइफ के लगभग हर एस्पेक्ट में टेक्नोलॉजी का यूज दिखाई देता है फिर सेफ्टी के मामले में क्यों नहीं। अपने मन में उठे इसी सवाल का जवाब ढूंढना शुरू किया एनआईएफटी दिल्ली के स्टूडेंट रह चुके अजय सांगवान ने और उसका जवाब पाया खुद की डिजायन की हुई प्रोटेक्टिव जैकेट में।ऐसे मिला आइडिया


अजय बताते हैं, 'महिलाओं के साथ बढ़ती छेड़छाड़ और दुष्कर्म जैसी घटनाओं को देखते हुए हमेशा मन में ये आता था कि सरकार या समाज को कोसने से पहले हम खुद अपने लेवल पर क्यों कुछ नहीं कर सकते हैं। फिर सोचा कि फैशन जैसी फील्ड से जुडने के बाद मैं भला क्या कर सकता हूं, तभी मन में आया कि फैशन के साथ टेक्नोलॉजी को जोड़कर तो बहुत कुछ कर सकता हूं।' इसके आगे अजय बताते हैं कि उसी दिन से वह लग गए इस कोशिश में कि वुमेन सेफ्टी को लेकर अपने इन्वेंशन के साथ कुछ बड़ा करना है और इसी सोच और जुगत के साथ उन्होंने न्योकास इलेक्ट्रॉनिक टेक्सटाइल की शुरुआत की।ऐसी है ये प्रोटेक्टिव जैकेट

कोच्चि में न्योकास टेक्नोलॉजी के नाम से अपना स्टार्टअप शुरू करने वाले अजय इस जैकेट की स्पेशियालिटी के बारे में बताते हैं कि दिखने में ये नॉर्मल जैकेट की तरह ही होती है लेकिन इसके अंदर एक छोटी सी डिवाइस अटैच है। इस डिवाइस का वजन सिर्फ 60 ग्राम है। स्पेशल डिवाइस वाली इस जैकेट को पहनने के बाद अगर कोई भी आपको जबरदस्ती की नियत से छूने या छेडने की कोशिश करेगा, तो सबसे पहले तो उसको शॉक लगेगा और इसी दौरान इसमें लगी डिवाइस आपके वेल-विशर और आपके आसपास मौजूद पेट्रोलिंग पुलिस तक एसओएस व जीपीएस सिग्नल भी पहुंचा देगी। अजय बताते हैं कि ह्यूमन बॉडी के टच पर रिस्पॉन्स और सेंसेज को डेवलप करने के लिए इस टेक्नोलॉजी में कंडक्टिव टेक्सटाइल और हार्डवेयर एंड सॉफ्टवेयर इलेक्ट्रॉनिक्स का इस्तेमाल किया गया है।ऐसी है फ्यूचर प्लानिंगहाल ही में न्योकास टेक्नोलॉजी को यूएस कन्सल्ट चेन्नई की ओर से सोशल इनोवेशन अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। यही नहीं, अजय इसको बंगलुरु, तिरुपति, कोयम्बटूर में लॉन्च भी कर चुके हैं। यहां से जैकेट को अच्छा रिस्पॉन्स मिलने के बाद अब वह इसको नॉर्थ सिटीज में लॉन्च करने की प्लानिंग कर रहे हैं।यूज करने में भी है बिल्कुल सेफ

इसको यूज करने के बारे में अजय बताते हैं कि ये जैकेट नैनोफाइबर मटीरियल से बनी है और इसे कभी भी वॉश किया जा सकता है। इन जैकेट्स को ऐसी टेक्नोलॉजी के साथ बनाया गया है कि वॉश करने पर इसके सर्किट्स डेमेज नहीं होते और इन्हें यूज करना भी बेहद आसान होता है। जैकेट के हार्डवेयर पीस को कभी भी उसमें लगाया और निकाला जा सकता है। अब सवाल उठता है कि ये डिवाइस एक्टिवेट कैसे होगी? तो आप इसको जैकेट के किसी भी पार्ट में कनेक्ट कर सकते हैं। कभी भी, जब आप इसको एक्टिवेट करना चाहें, तो आपको इसके स्टार्ट बटन को प्रेस करना होगा। इसके बाद खतरे का अहसास होते ही ये डिवाइस अपना काम करना शुरू कर देती है, जो पहनने में पूरी तरह से सेफ है और सिर्फ छूने वाले को इलेक्ट्रिक शॉक देती है, आपको नहीं।features@inext.co.inSuccess Story: अब दिव्यांग खड़े हो कर चल पाएंगे, 'स्टैंडिंग व्हील चेयर' ने किया पाॅसिबल

Posted By: Vandana Sharma