महंत इंदरेश हॉस्पिटल के डॉक्टर्स दिया युवक का नया जीवन

-दावा, नार्थ इंडिया में ऐसा सफल ऑपरेशन हुआ है पहली बार

देहरादून

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के कॉर्डियक थारेसिस वैस्क्यूलर सर्जरी डिपार्टमेंट (सीटीवीएस) ने एक पेशेंट की टिपिकल सर्जरी करने में सफलता हासिल की है। बताया गया है कि पेशेंट के फेफड़े में खराबी थी। जिसे मेडिकल साइंस में बुलस लंग डिजीज कहा जाता है। जिसके कारण फेफड़ों व छाती की दीवार के बीच में हवा लीक होती है। जांच में पाया गया कि पेशेंट के दिल में भी छेद है। जिसको आट्रियल सेप्टल डिफेक्ट कहा जाता है।

खास तकनीक से ऑपरेशन

बताया गया कि 18 वर्षीय सौरभ कुमार, निवासी देहरादून को पिछले एक वर्ष से सांस फूलने की शिकायत हो रही थी। उसे बार-बार हॉस्पिटल पहुंचाना पड़ता था। सांस लेने के लिए उनकी छाती में ट्यूब डालनी पड़ती थी। सौरभ को छाती व सांस संबंधी डिजीज की भी शिकायत थी। श्वास रोग विभाग के डॉ। जगदीश रावत व कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ। तनुज भाटिया ने जांच में पाया कि पेशेंट में सांस फूलने की बीमारी के साथ ही दिल में छेद की भी शिकायत है। हॉस्पिटल के सीनियर सीटीवीएस सर्जन डॉ। अरविंद मक्कड़ ने सौरभ का ऑपरेशन किया। राइट थोराकोटोमी द्वारा सीने के दाईं ओर से फेफड़ों तक पहुंचा गया और फेफड़े का ट्रीटमेंट किया गया। उसी रास्ते से दिल तक पहुंचकर छेद को बंद किया गया। डॉक्टरों का कहना है कि ये ऑपरेशन बेहद टिपिकल व संसेटिव था। ऑपरेशन में एनेस्थीसिया टीम के डॉ। पराग, डॉ रोबीना, डॉ हरिओम का भी योगदान रहा। डॉक्टर्स का दावा है कि नार्थ इंडिया में इस प्रकार का ऐसा ये पहला सक्सेस ऑपरेशन है।

Posted By: Inextlive