इस बार माघ मेला को कुंभ के रिहर्सल के तौर पर पेश किया गया

पहला प्रमुख स्नान पर्व दो जनवरी को और अब तक जमीन समतल नहीं

खाक चौक से आचार्य बाड़ा तक साधु-संन्यासियों में काफी आक्रोश

ALLAHABAD: प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा सरकार में हो रहे माघ मेला को कुंभ का रिहर्सल मानकर विभागीय कार्य कराए जा रहे हैं। मूलभूत सुविधाओं की बात छोडि़ए संगम की रेती पर बीस-बीस वर्षो से आकर जप-तप व अनुष्ठान करने वाले साधु संन्यासियों को एक अदद छत तक नहीं नसीब हो पा रही है। खाक चौक से लेकर आचार्य बाड़ा तक संन्यासी न केवल आक्रोशित हैं बल्कि उनका सवाल यही है कि भाजपा की सरकार में ऐसा रिहर्सल हो रहा है। इसे देखकर अब कुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर भी संदेह उत्पन्न हो रहा है। साधु संन्यासी खुद जमीन समतल करवा रहे हैं तो शौचालय व शिविर लगाने के लिए इधर-उधर भटकते फिर रहे हैं। ये हाल तब है जब मेला का पहला प्रमुख स्नान पर्व पौष पूर्णिमा दो जनवरी को ही है।

अव्यवस्था से हुए काफी परेशान

मेला क्षेत्र में सबसे ज्यादा अव्यवस्था का शिकार खाक चौक और आचार्य बाड़ा सेक्टर है। निर्मोही अखाड़ा अयोध्या के कृपालु दास महाराज अपने अनुयायियों के साथ संगम अपर मार्ग स्थित शिविर में हैं, लेकिन अभी तक वहां जमीन समतल का कार्य चल रहा है। तीन दिन से दो ट्रैक्टर जमीन समतल के कार्य में लगे हैं। आचार्य बाड़ा के तुलसी मार्ग की स्थिति यह है कि शिविरों के लिए बाड़ा ही लगाया गया है लेकिन अधिकतर बाड़ा के पास सड़कों पर चकर्ड प्लेट नहीं बिछाई गई है। दोनों सेक्टर की करीब डेढ़ सौ बीघा जमीन में से आधे से अधिक में अभी तक शिविर नहीं लग सका है।

- आचार्य बाड़ा में शिविर लगाने के लिए पांच दिसम्बर को साधु संन्यासियों को 70 बीघा जमीन आवंटित की गई थी

- खाक चौक संन्यासियों की सबसे बड़ी संस्था है। जिसमें साधु संन्यासियों की 250 संस्थाएं आती हैं

- क्षेत्र की 1797 बीघा जमीन में गंगोत्री शिवाला, काली मार्ग, त्रिवेणी मार्ग, ओल्ड जीटी रोड व खाक चौक जैसे सेक्टर में मेला बस रहा है

- जिलाधिकारी सुहास एलवाई की ओर से कार्यो को समाप्त करने की डेड लाइन 25 दिसम्बर निर्धारित की गई थी

- खाक चौक और आचार्य बाड़ा में पाइप फिटिंग, सड़कों पर प्लेट बिछाने व जमीन को समतल करने का हो रहा है काम

कहीं से ऐसा नहीं लग रहा है कि भाजपा की सरकार है। हम लोग बीस वर्षो से मेले में आ रहे हैं लेकिन पहली बार इतनी ज्यादा अव्यवस्था दिखाई दे रही है।

कृपालु दास महाराज, बाराबंकी

संन्यासियों के साथ मेला प्रशासन का व्यवहार ठीक नहीं है। सुविधा पर्ची मिलने के बाद भी खुद खुले आसमान के नीचे रहकर सारी व्यवस्था करनी पड़ रही है।

कामता प्रसाद, चित्रकूट

खाक चौक एरिया में दूर-दूर तक काम के नाम पर परेशान किया जा रहा है। यह स्थिति भाजपा सरकार में हो रही है, इसलिए हैरानी है।

जगदीश दास, अयोध्या

पंडाल, किचन व स्टोर रुम खुद बैठकर बनवा रहे हैं। दस वर्ष से मेला में आ रहे हैं। इस सरकार से अच्छी तो पहले की सरकारों में सुविधाएं आसानी से मिल जाती थीं।

प्रकाश देव आश्रम, काशी

Posted By: Inextlive