RANCHI: राज्यसभा की दो सीटों पर होने वाले चुनाव से पहले झारखंड सरकार ने सहयोगी पार्टी आजसू के अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो को राज्य विकास परिषद का उपाध्यक्ष बना कर एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश की है। एक तरफ मंत्री पद के बराबर दर्जा वाला यह पद सुदेश कुमार महतो को देकर राज्यसभा चुनाव में जहां बीजेपी अपनी पार्टी की जीत को लेकर आश्वस्त होना चाह रही हैं, वहीं रघुवर सरकार की हाल ही में घोषित स्थानीयता को लेकर आजसू के केन्द्रीय अध्यक्ष का विरोध भी कुंद करने की पहल है। गौरतलब है कि राज्य विकास परिषद के अध्यक्ष खुद मुख्यमंत्री रघुवर दास हैं। वहीं, सुदेश के साथ ही अर्थशास्त्री सुरजीत सिंह भल्ला को भी उपाध्यक्ष बनाया गया है।

डिप्टी सीएम, फिर रास का सपना टूटा

डेढ़ साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी-आजसू गठबंधन में भी सुदेश कुमार महतो सिल्ली की अपनी परंपरागत सीट बचाने में असफल रहे और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में गठबंधन की सरकार में डिप्टी सीएम बनने का सपना पाले आजसू सुप्रीमो की उम्मीदों पर पानी फिर गया। उसके बाद झारखंड से खाली हुई राज्यसभा की एक सीट पर उम्मीद थी कि बीजेपी उन्हें राज्यसभा भेजेगी, लेकिन बीजेपी ने इस सीट पर अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता एमजे अकबर को भेजने की तैयारी में है। राज्यसभा की दूसरी सीट केडी सिंह वाली खाली होने वाली है।

जेवीएम विधायकों से बीजेपी मजबूत

इसी दौरान जेवीएम के छह बागियों को बीजेपी ने अपनी पार्टी में शामिल कर अपनी स्थिति को मजबूत कर लिया। इसके बाद झारखंड सरकार के विस्तार में भी आजसू को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला। अभी झारखंड सरकार में आजसू कोटे से सिर्फ एक मंत्री शामिल हैं। ऐसे में इस बार के राज्यसभा चुनाव में बीजेपी को डर है कि आजसू क्रास वोटिंग न कर दे। क्योंकि राज्यसभा की जिन दो सीटों पर चुनाव होने जा रहा है,उसमें एक सीट पर बीजेपी उम्मीदवार की जीत तो पक्की है, लेकिन दूसरी सीट पर उसे कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। ऐसे में अगर आजसू ने ठेंगा दिखा दिया, तो बीजेपी दूसरी सीट नहीं जीत पाएगी।

Posted By: Inextlive