RANCHI: घर पर मेहमान आए, तो लोग चाय या शर्बत के लिए जरूर पूछते हैं। किसी खुशी के मौके पर मिठाई का चलन है। खान-पान से लेकर आम व्यवहार तक में मिठास की खास अहमियत है। लेकिन, मिठास जिस चीनी से आती है, आजकल उसे मिलावटखोरों ने मुनाफे के चक्कर में 'अपवित्र' कर दिया है। चीनी में ऐसी-ऐसी चीजें मिलाकर बेची जा रही है कि इसके सेवन से सेहत खराब होना तय है।

सबसे ज्यादा सोडा का यूज

चीनी में मिलावट के लिए सबसे ज्यादा सोडा का इस्तेमाल हो रहा है। सोडा पाउडर का रंग सफेद होता है, जो चीनी में मिलकर गायब हो जाता है। इसे वजन बढ़ाने के लिए व्यापारी बोरियों की सील खोल कर भरते हैं। मिलों से जब चीनी की आवक होती है, तब मिलावट नहीं रहती। लेकिन, खुदरा दुकानों तक पहुंचते ही इनमें अनेक प्रकार के पदार्थ मिला दिए जाते हैं।

राशन में भी मिलावट वाली चीनी

राशन दुकानों से भी जो चीनी मिल रहा है, वह खुदरा ही होता है। सील पैक नहीं होने के कारण इसमें मिलावट आसान हो जाती है। हाल ही में हजारीबाग के चौपारण में आम लोगों ने राशन दुकान से चीनी लेने से ही इन्कार कर दिया था। दरअसल, वहां सीलबंद बोरे की जगह हाथ से सिले बोरों से चीनी निकाल कर दी जा रही थी। चीनी में इतनी गंदगी थी कि कोई भी देखकर पहचान ले कि इसमें मिलावट की गई है। रामपुर पंचायत में तो डीलरों का विरोध भी किया गया था। रांची में भी कई जगह गंदी चीनी मिलने की शिकायत मिली है। वार्ड संख्या ख्0 में तो एक राशन दुकानदार द्वारा हल्के भूरे रंग की चीनी लोगों को बेचने की शिकायत मिली है।

गंदे खेल में बड़ा मुनाफा

रांची में हर दिन करीब 70 हजार से क् लाख किलोग्राम चीनी की खपत है। एक किलो चीनी का खुदरा बाजार में ब्0 से ब्ख् रुपए के बीच भाव चल रहा है। ब्रांडेड कंपनियों की चीनी का मार्केट केवल फ्भ् फीसदी ही है। बाकी खुदरा चीनी ही बिकती है। खुदरा में भी शत-प्रतिशत मिलावट नहीं होती, लेकिन 80 फीसदी तक चीनी मिलावट का शिकार हो रही है। इस प्रकार करीब हर रोज करीब भ्0 हजार किलो मिलावटी चीनी का सेवन रांची के लोग कर रहे हैं। औसतन एक केजी मिलावटी चीनी से करीब क्0 रुपए का नाजायज फायदा हो जाता है। इस तरह एक दिन में सिर्फ चीनी के मिलावट से भ् लाख रुपए की अवैध कमाई होती है। महीने का आंकड़ा क्.भ्0 करोड़ के आसपास आता है। त्यौहार के सीजन में यह आंकड़ा दोगुना हो जाता है।

चीनी में कैसी मिलावट, कैसे पकड़ें

वाशिंग सोडा: इसमें हाइड्रोक्लोरिक एसिड डालना है, झाग होने पर तय है कि चीनी में वाशिंग सोडा है।

चॉक पाउडर: रिसोरसिनॉल मिलाएं, अगर रंग लाल हो जाए, तो समझ लीजिए कि चीनी में चौक का चूर्ण या पाउडर मिलाया गया है।

फाइबर क्रिस्टल: एक ग्लास पानी में क्भ् ग्राम चीनी डालें, उसे कुछ देर छोड़ दें। फिर सूंघ कर देखें, अगर अमोनिया की गंध आ रही है, तो इसका मतलब है कि इसमें यूरिया के क्रिस्टल मौजूद हैं।

प्लास्टिक के कण: चीनी को ग्लास में लें, पानी मिलाएं। पांच मिनट तक घोलें। चाय छलनी से छानें। अगर प्लास्टिक मिला होगा, तो चाय छलनी के ऊपर एक परत नजर आएगी।

कोट एक्सपर्टद्ध

मिलावटी चीनी के सेवन से कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं। अगर प्लास्टिक या फाइबर क्रिस्टल मिलाया जाता है, तो सीधा असर लीवर पर पड़ेगा। इसके अलावा लोग हड्डी कमजोर करनेवाली बीमारियों की भी चपेट में आ सकते हैं।

-डॉ रजनीश कुमार, हरमू, रांची

Posted By: Inextlive