- दून में 8 दिन में 4 ने किया सुसाइड

- पिछले साल सुसाइड के 80 मामले हुए थे दर्ज

- 90 परसेंट मामलों में डिप्रेशन रहा कारण

- गर्मियों के तीन महीनों में होते हैं ज्यादा सुसाइड

DEHRADUN: राजधानी दून में सुसाइड के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे। आलम यह है कि मई के इस महीने 8 दिनों में दून के चार लोग सुसाइड कर चुके हैं। सोमवार को भी राजधानी में एक 26 वर्षीय युवती ने सुसाइड कर लिया इससे पहले रविवार को भी बीटेक के एक स्टूडेंट ने सुसाइड किया। सुसाइड के यह मामले चौंकाने वाले तो हैं ही, चिंताजनक भी हैं। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि मई से लेकर जुलाई तक सुसाइड के मामलों में तेजी आती है, जिसके कई कारण भी वे गिनाते हैं।

26 वर्षीय छात्रा ने की आत्महत्या

क्लेमेंट टाउन के ओगल भट्टा में 26 वर्षीय एक छात्रा ने पंखे से लटकर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लिया। पुलिस ने मृतका का नाम रीना शाह बताया है, जो पुराना बाजार थत्यूड़, टिहरी गढ़वाल की रहने वाली है और एमकेपी पीजी कॉलेज से एमए कर रही थी। पुलिस को छानबीन में युवती के कमरे से प्रेम प्रसंग और नौकरी को लेकर तनाव से संबंधित जानकारियां मिली हैं। हालांकि, छात्रा के परिजनों ने इसे हत्या का मामला बताया है। पुलिस ने छात्रा का शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। इससे पहले रविवार को भी दून में सुसाइड का एक मामला सामने आया था, जिसमें पंडितवाड़ी में रहने वाले 20 वर्षीय बीटेक के स्टूडेंट ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया था।

मई से जुलाई तक ज्यादा सुसाइड

लगातार बढ़ रहे सुसाइड के मामलों को लेकर मनोवैज्ञानिकों ने इसकी डीप स्टडी की, जिसमें यह बात निकलकर सामने आई कि मई से लेकर जुलाई तक सुसाइड केसेज में इजाफा देखने को मिलता है। मनोवैज्ञानिक डॉ। मुकुल शर्मा ने बताया कि इन तीन महीनों में अधिकांश परीक्षाओं का आयोजन होता है और इसी बीच बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट भी जारी होता है। फेमिली प्रेशर और परीक्षा में फेल होने के डर से कई बार छात्र सुसाइड का रास्ता चुन लेते हैं। यह भी बताया गया है कि ये महीने गर्मी के होते हैं और इंसानी शरीर में पानी की कमी होती है, जिसके कारण कई अंग प्रॉपर काम नहीं करते और इंसान की सोचने समझने की क्षमता भी प्रभावित रहती है, इसलिए भी सुसाइड के मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं।

क्7 से ख्म् आयु वर्ग के ज्यादा मामले

आंकडों की बात करें तो सुसाइड के ज्यादा मामले क्भ् से ख्9 साल के युवाओं में ज्यादा देखे गए हैं। इस उम्र में ही पढ़ाई और नौकरी जैसे मामलों को लेकर युवा वर्ग तनाव के दौर से गुजर रहा होता है और इसी को लेकर कभी-कभी डिप्रेशन में आ जाता है। ख्0क्भ् में 8ब् युवाओं ने सुसाइड किया जिनमें भ्8 युवा पुरुष और ख्म् युवा महिलाएं शामिल थीं। ख्0क्म् में भी क्भ् से ख्9 साल के फ्क् युवाओं ने सुसाइड किया जिनमें क्9 युवा पुरुष और क्ख् युवा महिलाएं थीं। मनोवैज्ञानिकों के शोध के अनुसार सबसे ज्यादा सुसाइड के मामले क्7 से ख्म् उम्र के बीच दर्ज किये जा रहे हैं। सुसाइड के मामलों में म्फ् फीसदी मामले इसी आयुवर्ग के हैं।

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किस साल कितने सुसाइड

साल सुसाइड

ख्0क्ब् 89

ख्0क्भ् क्भ्7

ख्0क्म् 80

ख्0क्7 (अब तक) ख्ख्

Posted By: Inextlive