- शाही नाला और गहरे नालों की सफाई के लिए जायका के फंड से खरीदी गयी थी ऑटो मेटेड मशीन

- सिर्फ टेस्टिंग में आयी यूज, चार वर्ष से कैंपस में पड़े पड़े फांक रही है धूल

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वाटर क्राइसेस को दूर करने में नाकाम जल संस्थान प्लानिंग लेवल में भी फेल हो रहा है। डिपार्टमेंट की कुछ इसी खामियों के चलते शाही नाला और शहर के बड़े नालों की सफाई के लिए मंगायी गयी सुपर सकर मशीन के कल पुर्जो में अब जंग लग चुके हैं। इस ऑटो मेटेड मशीन को सीवर ओवर फ्लो की प्रॉब्लम को दूर करने के लिए जापान की संस्था जायका के फंड से 1 करोड़ 14 लाख रुपये में खरीदा गया था।

नहीं भेजी जाती साइट पर

सुपर सकर मशीन को वर्ष 2013 में करोड़ों रुपये की लागत से खरीदा गया था। हाई प्रेशर के साथ गहरे से गहरे नालों की सफाई करने की क्वालिटी होने के कारण इस मशीन को संस्थान ने अपने बेड़े में शामिल किया था। शुरुआती दौर से लेकर अब तक मशीन किसी भी साइट पर नहीं भेजी गयी। मशीन चलाने में काबिल ड्राइवर न मिलना भी एक बड़ी वजह है।

कल पुर्जो में लगी जंग

सीवर सफाई का जिम्मा जल निगम को मिलने के बाद संस्थान की मशीनें धीरे-धीरे और अनुपयोगी होने लगी। इसके चलते रेगुलर यूज में आने वाले डिपार्टमेंट के मशीनों को जरुरत पर ही निकाला जाने लगा। एक यह भी वजह है कि सुपर सकर को बाहर नहीं निकाला गया। अन्त में चार वर्ष खुले आकाश के नीचे खड़े - खड़े सुपर सकर के कल पुर्जो में जंग लग गये। और पहिये ने भी मशीन का साथ छोड़ना शुरु कर दिया।

वर्जन

डीजल की ज्यादा खपत के कारण सुपर सकर को कम ही यूज में लिया जाता है। संस्थान के पास और भी संसाधन हैं जिनसे पब्लिक कम्प्लेन को सॉल्व किया जाता है।

वीके सिंह जीएम जल कल

Posted By: Inextlive