इस शुक्रवार तक खरीफ या गर्मियों की फसल की बुआई के आए आंकड़ों से पता चलता है कि जून में हुई बारिश के व्यापक वितरण के चलते इस साल बीते वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 75 फीसद अधिक बुवाई हो सकी है।


इस साल खरीफ या गर्मियों की फसल की बुआई की संख्या को देखते हुए मजबूत उत्पादन की संभावना व्य्क्तत की गयी है। क्योंकि जून में बारिश का सभी स्थानों पर व्यापक वितरण हुआ है। ये बुवाई एक साल पहले की अवधि की तुलना में 75% अधिक रही है। पिछले सप्ताह तक बुआई का स्तर पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 23% अधिक था। हर साल बुवाई गतिविधि आमतौर पर जून के बाद के समय में गति पकड़ती है पर इसबार ये समय से शुरूहो कर बेहतर स्थिति में पहुंच गयी है।
मानसूनी बादलों के निर्धारित समय से बरस जाने से खरीफ फसलों की बोआई ने रफ्तार पकड़ ली है। इसके कारण दलहन, तिलहन, धान व मक्का की फसलों का रकबा बढ़ने से अच्छी पैदावार की उम्मीद बढ़ गई है। इससे दाल व खाद्य तेलों के आयात में कमी आने की संभावना है। जून के अंतिम पखवारे में अच्छी बारिश से धान की रोपाई में तेजी आ गई है। 82734 हेक्टेअर आच्छादन लक्ष्य के सापेक्ष 1210 हेक्टेअर क्षेत्रफल में मंगलवार तक धान की रोपाई हो चुकी है। खरीफ फसलों की बोआई का कुल आच्छादन लक्ष्य 18516 हेक्टेअर क्षेत्रफल रखा गया है। इसमें से 3078 हेक्टेअर रकबे पर बोआई हो चुकी है। धान रोपाई में संतोषजनक वृद्धि का अनुमान लगाया जा रहा है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष खरीफ फसलों की बोआई का रकबा भी बढ़ा है। विषेशज्ञों का कहना है कि किसानों को चाहिए कि मौसम की अनुकूलता का फायदा उठाकर फसलों की बोआई व धान की रोपाई कर लें।

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Posted By: Molly Seth