भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे के बीच एक सुरक्षा परामर्श ढांचे को लेकर आज अहम शिखर वार्ता होनी है. वार्ता के दौरान भारत और जापान दोनों ही 'टू प्लस टू' नाम के इस सुरक्षा परामर्श ढांचे को शुरू करने पर राजी हो सकते हैं.


कौन-कौन होगा शामिल भारत के प्रधानमंत्री और शिंजो आबे के बीच होने वाली इस वार्ता का आधार दोनों देशों के सुरक्षा मुददे से जुड़ा है. इसको देखते हुए वार्ता में दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों और विदेश मंत्रियों को शामिल किया जाएगा. जब मोदी ने जापानी मीडिया को दिया इंटरव्यू यात्रा से पहले मोदी ने जापानी मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि रक्षा एवं सुरक्षा के क्षेत्र में वह मानते हैं कि वह वक्त आ गया है कि दोनों देश अपने रिश्तों को ऊंचाइयों तक ले जाएं. जापान की रक्षा निर्यात नीतियों में उन्होंने हाल ही में बदलाव देखे हैं और यह अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी एवं उपकरण के क्षेत्र में सहयोग के एक नए युग की संभावना है.जापान यात्रा के पीछे छिपा है बड़ा एजेंडा


मोदी जापान यात्रा पर एक बडे एजेंडे के साथ आए हैं और उन्हें उम्मीद है कि इस यात्रा से भारत जापान द्विपक्षीय संबंधों का 'एक नया अध्याय' लिखा जाएगा और दोनों देशों की रणनीतिक व वैश्विक साझेदारी को एक नई उंचाई हासिल होगी. मोदी ने जापान यात्रा के लिए निकलने से पहले कहा था कि वह अपने अच्छे मित्र प्रधानमंत्री शिंजो आबे के निमंत्रण पर भारत और जापान के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए जापान यात्रा को लेकर बहुत उत्सुक हैंरेलवे और गंगा नदी की सफाई पर भी हो सकती है चर्चा वार्ता के दौरान असैन्य परमाणु सहयोग के साथ-साथ भारत की आधारभूत संरचना, खासकर रेलवे और गंगा नदी की साफ-सफाई पर भी चर्चा होने की संभावना है. इसके साथ ही दोनों नेता सामरिक एवं वैश्विक साझेदारी को एक नई ऊंचाई तक ले जाने के तौर-तरीकों पर भी चर्चा कर सकते हैं. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस के साथ जापान का पहले से ही एक सुरक्षा परामर्श ढांचा तैयार है. बुलेट ट्रेन प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की हो सकती है वकालतआर्थिक मोर्चे पर आबे जापान की शिंकानसेन बुलेट ट्रेन प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की वकालत कर सकते हैं क्योंकि भारत मुंबई और अहमदाबाद के बीच एक ट्रेन नेटवर्क शुरू करने की योजना बना रहा है. कल होने वाली औपचारिक शिखर वार्ता की तैयारियों के तहत मोदी और आबे ने कल रात रात्रिभोज किया. इस रात्रिभोज का आयोजन आबे ने किया था. दोनों नेताओं ने इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक 'मजबूत और ताकतवर भविष्य' की बात की. मोदी ने उम्मीद जताई कि दोनों पक्ष अगले पांच साल में उन उपलब्धियों को पूरा करने की कोशिश करेंगे जो पिछले पांच दशक में पूरे नहीं हो पाए.

कुछ ऐसा रहा प्रधानमंत्री का जापान का सफर वार्ता के लिए निकले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐतिहासिक शहर क्योतो में रात भर के विश्राम के बाद शाम को तोक्यो के लिए रवाना हुए. मोदी ने क्योतो में आबे के साथ दो प्राचीन बौद्ध मंदिरों में दर्शन भी किए. बौद्ध मंदिर में पैगोडा के इतिहास पर जुटाई जानकारी

अपनी यात्रा के दूसरे दिन सफेद कुर्ता-पायजामा, बिना बांह वाली जैकेट और सफेद सैंडल पहने मोदी ने क्योतो के तोजी और किनकाकुजी नाम के बौद्ध मंदिरों दर्शन किए. मोदी पहले तोजी मंदिर गए जो हिंदू दर्शन के ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश की त्रिमूर्ति से प्रेरित है और एक विश्व धरोहर स्थल है. वह करीब आधे घंटे तक मंदिर परिसर में रहे जिस दौरान उन्होंने आठवीं सदी के बौद्ध पैगोडा के इतिहास के बारे में जानकारी हासिल की. मंदिर परिसर से जाते वक्त मोदी ने अपने साथ मंदिर आने और वक्त बिताने के लिए आबे का शुक्रिया अदा किया. आबे ने मोदी से कहा कि वह सिर्फ दूसरी दफा तोजी मंदिर आए हैं. इससे पहले आबे अपने छात्र जीवन के दौरान इस मंदिर में आए थे. जापानी प्रधानमंत्री खास तौर पर मोदी से मुलाकात की खातिर तोक्यो से क्योतो आए और उनके साथ वक्त बिताया. जापानी प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राजधानी के बाहर कभी-कभार ही विदेशी नेताओं से मिलने जाते हैं. किनकाकुजी में मोदी ने पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं से बातचीत की, उनसे हाथ मिलाए और एक बच्चे के कान खींचे. उन्होंने कई लोगों के साथ तस्वीरें भी खिंचवाई.जानलेवा बीमारी के लिए मांगी मददअपनी पांच दिवसीय जापान यात्रा के दूसरे दिन क्योतो में मोदी ने जानलेवा बीमारी सिकल सेल एनीमिया से मुकाबले के लिए जापानी मदद मांगी. भारत में आदिवासियों में यह बीमारी बड़े पैमाने पर पाई जाती है. मोदी ने क्योतो विश्वविद्यालय की स्टेम सेल रिसर्च फैसिलिटी के दौरे के दौरान यह मदद भी मांगी और उन्हें सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली. सौहार्दपूर्ण संबंध रखने वाले 63 साल के मोदी और 59 साल के आबे का साथ क्योतो में काफी अच्छा रहा. अब कल दोनों नेताओं के बीच शिखर वार्ता होनी है.

Posted By: Ruchi D Sharma