संडे मार्केट का नया एड्रेस झंडा बाजार
- झंडा बाजार में शुरू हुआ संडे मार्केट, मेयर ने किया इनॉग्रेशन
- अतिक्रमण हटाओ अभियान की भेंट चढ़ा था मार्केट, 10 माह से ठप था कारोबार देहरादून, दून के फेमस झंडा मार्केट के लिए करीब 10 माह बाद ठिकाना मिल पाया है. अब झंडा बाजार में संडे मार्केट सजने लगा है. हालांकि, संडे को पहले दिन ही मार्केट लगने से इलाके में ट्रैफिक व्यवस्था लड़खड़ा गई. पार्किग के लिए लोगों को जगह नहीं मिली और जाम के झाम से जूझना पड़ा. लेकिन, 10 माह से खाली बैठे व्यापारियों को दुकान लगाने की जगह मिलने से उनके चेहरों पर रौनक थी. अतिक्रमण की भेंट चढ़ा था संडे मार्केटपिछले वर्ष दून में व्यापक स्तर पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया, अभियान की जद में तिब्बती बाजार के पास लगने वाला संडे मार्केट भी आ गया. शासन द्वारा मार्केट का संचालन बैन कर दिया गया और व्यापारी बेरोजगार हो गए. व्यापारियों ने नगर निगम, जिला प्रशासन सहित जनप्रतिनिधियों के कई चक्कर काटे लेकिन 10 माह तक संडे मार्केट पर फैसला नहीं हो पाया. सहस्त्रधारा रोड पर कुछ दिनों तक संडे मार्केट लगा लेकिन बात नहीं बनी.
मेयर ने किया इनॉग्रेशनसंडे बाजार कमेटी के सचिव प्रवीण कुमार ने बताया कि मेयर सुनील उनियाल गामा की पहल पर दरबार साहब ने संडे मार्केट के लिए जगह मुहैया कराई है. मेयर द्वारा मार्केट का इनॉग्रेशन किया गया. उन्होंने बताया कि जगह का किराया दरबार साहब प्रशासन वसूलेगा, जबकि नगर निगम सिर्फ सफाई का शुल्क लेगा.
------- तीसरी बार शिफ्ट हुआ मार्केट बीते 9 साल के भीतर संडे मार्केट तीन बार शिफ्ट किया जा चुका है. वर्ष 2010 तक मार्केट पलटन बाजार में सजता था. जिला प्रशासन ने इसे लैंसडोन चौक इलाके में शिफ्ट किया था. अब इसे एक बार फिर शिफ्ट किया गया है. ------------ 170 व्यापारियों को मिली जगह झंडा बाजार मेला स्थल पर संडे को करीब 170 व्यापारियों को जगह आवंटित हुई. हालांकि संडे मार्केट कमेटी में करीब 185 व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन है. लेकिन, करीब 10 माह से संडे मार्केट को स्थाई जगह न मिल पाने के कारण कई व्यापारियों ने अपना दूसरा कारोबार शुरू कर दिया. अब भी अवैध संडे मार्केटसंडे मार्केट समिति का कहना है कि अब भी लैंसडाउन चौक, पंत रोड, डिस्पेंसरी रोड, पल्टन बाजार आदि इलाकों में अवैध रूप से संडे मार्केट चल रही है. जिस पर कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए. निगम, जिला व पुलिस प्रशासन को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए. इसके लिए मेयर से भी मांग की गई है.